Lok Sabha Election 2024: विंध्य क्षेत्र की चार लोकसभा सीटों पर पहले और दूसरे चरण में क्यों कम हुआ 11 फीसदी मतदान?

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र की चार लोकसभा सीटों की मतदान प्रक्रिया दो चरणों में पूरी हो चुकी है. जिसमें 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग के दौरान सीधी और शहडोल लोकसभा सीट पर मतदान हुआ था.
Lok Sabha Election 2024

प्रतिकात्मक तस्वीर

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र की चार लोकसभा सीटों की मतदान प्रक्रिया दो चरणों में पूरी हो चुकी है. जिसमें 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग के दौरान सीधी और शहडोल लोकसभा सीट पर मतदान हुआ था. जबकि 26 अप्रैल को दूसरे चरण में सतना और रीवा लोकसभा सीट के लिए वोटिंग हुई. इस दौरान विंध्य क्षेत्र की चार सीटों पर वोटिंग प्रतिशत में औसतन 11 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई. सबसे अधिक वोटिंग परसेंटेज जहां गिरा है उसमे सीधी सीट पर 13 प्रतिशत रहा, जबकि सबसे कम गिरावट सतना लोकसभा में 8.77 प्रतिशत दर्ज हुई. वहीं रीवा में 10.80 फीसदी और शहडोल लोकसभा में 10.05 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई.

विंध्य की चारों सीट में मतदान पूरा हो चुका है. इससे कम वोटिंग 2009 लोकसभा चुनाव में हुई थी. 2014 में चारों सीटों का वोटिंग प्रतिशत अपेक्षाकृत अच्छा था. 2014 के चुनाव में शहडोल सीट में सबसे अधिक 62.08 फीसदी, सतना में 62.63 प्रतिशत, सीधी में 57 प्रतिशत और रीवा में 53.74 प्रतिशत मतदान हुआ था.

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पिछले चुनाव में बेहतर रहा वोट परसेंटेज

लोकसभा चुनाव में इन चारों सीट पर पिछले साल वोटिंग परसेंटेज इस साल के मुकाबले बेहतर रहा है. 2019 के लोकसभा में सर्वाधिक मतदान शहडोल में 74.73 प्रतिशत हुआ था. वहीं इसके बाद सतना में 70.71 फीसदी, सीधी में 69.50 और रीवा लोकसभा में सबसे कम 60.33 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. जबकि इस बार शहडोल और सतना की 60 फीसदी से अधिक वोटिंग का आंकड़ा छू पाए. 2024 के चुनाव में शहडोल में 64.68, सतना में 61.94, सीधी में 56.50 और रीवा में सबसे कम 49.53 प्रतिशत वोटिंग हो पाई.

मतदान प्रतिशत कम होने पर प्रशासन कर रहा है समीक्षा

पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले वोटिंग परसेंटेज कम होने पर प्रशासन समीक्षा कर रहा है। कि आखिर क्या वजह रही की तमाम कवायतो के बाद भी वोटिंग परसेंटेज बढ़ाया नहीं जा सका। अपर कलेक्टर सौरभ सोनवाड़े बताते हैं कि शादियों के सीजन के चलते अधिकांश लोग बाहर गए हुए थे यह एक प्रमुख वजह रही इसके अलावा अधिक गर्मी भी वोटिंग परसेंटेज कम करने की वजह बनी है.

बीजेपी के अपने अलग दावे

मतदान प्रतिशत कम होने पर रीवा संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी जनार्दन मिश्रा का कहना है कि जनता यह जान चुकी थी कि बीजेपी बड़े अंतर से चुनाव जीत रही है इसलिए भी लोगों ने मतदान में काम सहभागिता निभाई साथ ही उत्तर प्रदेश से लगे इलाकों में अभी फसलों की कटाई पूरी नहीं हो पाई है जिसके कारण भी ग्रामीण अंचल में वोटिंग परसेंटेज कम हुआ है।

बीजेपी प्रत्याशी जनार्दन मिश्रा ने क्या कहा?

विंध्य की चारों लोकसभा सीट पर वोटिंग परसेंटेज कम होने की यह रही प्रमुख वजह हैं. विंध्य की चार लोकसभा सीट शहडोल सीधी रीवा और सतना में अलग-अलग वजहों से वोटिंग परसेंटेज कम हुआ है इनमें से प्रमुख तौर पर अधिक गर्मी और तेज धूप के कारण भी लोग घर से नहीं निकले और पोलिंग बूथ पर नहीं पहुंचे. जो भी लोग मतदान करने पहुंचे वह सुबह के समय और शाम ढलने के बाद पोलिंग बूथ पर पहुंच कर मतदान किया.

दूसरा प्रमुख कारण रहा कि शादियों का सीजन तेज रहा है. क्योंकि 29 अप्रैल के बाद शादियों का शुभ मुहूर्त नहीं थे. जिस दिन वोटिंग होनी थी जिसमें पहले चरण की 19 अप्रैल और दूसरे चरण की 26 अप्रैल को लग्न का शुभ मुहूर्त था. जिसके कारण भी लोग शादी के आयोजनों में व्यस्त थे. जिसमें व्रतबंध के कार्यक्रम भी हो रहे थे.

फसलों की कटाई

अप्रैल महीने का अंतिम समय फसलों की कटाई और उसकी गहाई का होता है. विंध्य का यह इलाका प्रमुख तौर पर गेहूं की खेती करता है, और यही समय गेहूं की खेती को फसल काटने से लेकर मंडियों में अनाज को बेचने का समय होता है. इस कारण भी लोग गांव में अपने कृषि कार्य में व्यस्त थे जिससे कई लोग पोलिंग बूथ पर पहुंच कर मतदान नहीं कर पाए.

शहडोल क्षेत्र में महुआ की खेती का समय यही माना जाता है. अधिकांश लोग महुआ से अपना जीवन का गुजर वसर करते हैं. कम मतदान का एक यह भी प्रमुख कारण रहा. कई लोकसभा सीटों पर मुकाबला कांटे का नहीं दिख रहा था. जिस तरह पिछले लोकसभा चुनाव में दिखता था इसके कारण लोगों में मतदान को लेकर उत्साह कम दिखा.

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