Lok Sabha Election 2024: महाराष्ट्र में क्यों जरूरी हैं राज ठाकरे? उद्धव के काउंटर की तैयारी में बीजेपी!
Lok Sabha Election 2024: चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों का ऐलान हो चुका है. जिसके मद्देनजर सियासी दलों के साथ-साथ नेताओं की सक्रियता भी बढ़ चुकी है. इसी क्रम में मंगलवार, (19 मार्च) को राजधानी दिल्ली में राज ठाकरे ने केंद्रीय गृह अमित शाह से मुलाकात की. इसके बाद से ही अटकलों का दौर शुरू हो गया है. सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के बीच राज ठाकरे एनडीए में शामिल हो सकते हैं.
पिछले कुछ समय में हुए उलटफेर ने महाराष्ट्र की सियासी समीकरण को बदलकर रख दिया है. अजित पवार गुट की एनसपी और एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना बीजेपी नीत एनडीए में शामिल हैं. लेकिन अब बीजेपी की राज ठाकरे की महाराष्ट्र नव निर्माण सेना (मनसे) पर नजर टिकाई हुई है.
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के शीर्ष नेताओं का राज ठाकरे के संपर्क में आना इस बात का संकेत हो सकता है कि कहीं वो महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे का विकल्प हो सकते हैं? गौरतलब है कि मौजूदा समय में मनसे मुख्य राजनीति की धारा से दूर गुमनामी में जी रही है.
उद्धव के काउंटर के लिए राज ठाकरे की जरूरत
गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने शिवसेना के साथ चुनाव लड़ा था. जिसमें महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 41 पर जीत मिली थी. कुछ महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में भी शिवसेना-बीजेपी को जीत मिली. हालांकि, सत्ता में आने के बाद दोनों दलों के बीच आपसी टकराव के बाद उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से गठबंधन तोड़कर कांग्रेस और एनसीपी की मदद से मुख्यमंत्री बन गए.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी को पता है कि उद्धव ठाकरे की पार्टी अगर राज्य में सीटें जीतती है तो यह उनके लिए बूस्ट का काम करेगी. जिसके काउंटर के लिए बीजेपी राज ठाकरे के साथ हाथ मिलाने की तैयारी में है. इसके अलावा राज ठाकरे पीएम मोदी के बड़े प्रशंसक रहे हैं. बीजेपी और राज ठाकरे समान विचारधारा वाले दल हैं, ऐसे में उनका साथ आना कोई चौंकाने वाली बात नहीं होगी.
बीजेपी की नीतियों के समर्थक हैं राज ठाकरे
कट्टर हिंदू छवि के साथ-साथ मराठी मानुष के हक की बात करने वाले राज ठाकरे की मराठी समुदाय के बीच अच्छी पकड़ है. इससे पहले उनकी पहचान उत्तर भारतीय के विरोधी के रूप में भी रही है. हालांकि,अब उनके रवैये में नरमी जरूर देखी जा रही है. वहीं राम मंदिर का मुद्दा हो या बीच सड़क पर हनुमान चालीसा का पाठ करना… इन मुद्दों को लेकर वह काफी मुखर रहे हैं.