Lok Sabha Election: ईडी-आईटी, पुलिस के डंडे और बुलडोज़र के दम पर चुनाव लड़ रही BJP, ये लोकतंत्र का अपमान – पूर्व विधायक शैलेश पांडेय
Lok Sabha Election: बिलासपुर बढ़ते अपराध को लेकर पूर्व विधायक शैलेश पांडेय ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है, उन्होंने कहा कि बीजेपी बिलासपुर में अपराध बढ़ाने का काम कर रही है, अब बिलासपुर सुरक्षित नहीं है.
ईडी-आईटी, पुलिस के डंडे और बुलडोज़र के दम पर चुनाव लड़ रही बीजेपी
शैलेश पांडेय ने कहा कि इंदौर में जिस प्रकार से कांग्रेस के प्रत्याशी पर दबाव बनाकर नामांकन वापस करवाया गया, और देश के अन्य जगह में जिस प्रकार से ED, IT और पुलिस प्रशासन का दुरुपयोग हो रहा है, इससे साफ जाहीर होता है कि बीजेपी ने देश में चुनाव को मजाक बना दिया है, और सत्ता के लालच में लगातार लोकतंत्र की हत्या की जा रहा है. देश के संविधान और लोकतंत्र को जिस प्रकार से ख़तरे में बीजेपी ने डाला है. देश में पहले कभी नहीं हुआ है. देश में किसी भी बीजेपी नेता के ऊपर कोई ED और IT की कोई कार्रवाई नहीं की गई, केवल राजनीतिक द्वेष के टूल बनाकर ही सांविधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है.
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बिलासपुर में बढ़ा अपराध
बीते दिन बिलासपुर में एक युवक ने डंडे से दूसरे युवक को सरेआम पीटा ये दृश्य बताता है कि बिलासपुर में अपराध किस प्रकार बढ़ रहा है और अपराधियों के हौसले किस प्रकार से चरम पर है. बिलासपुर में लगातार मासूम बच्चियों सहित युवतियों के साथ लगातार दुष्कर्म की घिनौनी घटनाएँ बीजेपी के कार्यकाल में हो रही है, ये किसी से छिपा नहीं है. सरकार नाम की कोई चीज़ नहीं रह गई है, सत्ता के लालची केवल अपना उल्लू सीधा कर रहे है.
बिलासपुर को खोदापुर और अब अपराध का गढ़ बनाने वाले अवसाद ग्रस्त सुशासन बाबू को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है, और जनता की तकलीफ़ से उनको कोई लेना देना नहीं है. सत्ताधारी केवल अपनी राजनीति कर रहे है, और आपसी खींचतान में बिलासपुर बर्बाद हो रहा है.
जानिए कौन है शैलेश पांडे
शैलेश पांडे बिलासपुर के पूर्व विधायक रहे हैं जिन्होंने विधानसभा चुनाव में बिलासपुर के भारतीय जनता पार्टी के सबसे गद्दार नेता अमर अग्रवाल को हराया था। इससे पहले शैलेश पांडे रमन यूनिवर्सिटी के कुल सचिव भी रह चुके हैं। फिलहाल उनकी भूमिका कांग्रेस के लोकप्रिय नेता के तौर पर बिलासपुर में बनी हुई है जो लगातार इस क्षेत्र में नशे के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। विधायक बनने के दौरान उन्होंने नहीं हुक्का बार और युवाओं के नशे में चपेट के आने का मुद्दा विधानसभा में उठाया था जिसके बाद पूरे छत्तीसगढ़ में हुक्का बार बंद कराया गया। फिलहाल हुक्का बार छत्तीसगढ़ में प्रतिबंधित भी हैं और जहां कहीं इसके चलने की गतिविधियां पुलिस को मिलती है कार्यवाही भी होती है।