Lok Sabha Election 2024: सिर्फ अमृतपाल ही नहीं… पंजाब में बेखौफ चुनाव लड़ रहे कई खालिस्तान समर्थक, जानिए कौन-कौन है लिस्ट में

Lok Sabha Election 2024: मुख्य दलों के प्रत्याशियों के अलावा कई खालिस्तान(Khalistan) समर्थक भी चुनाव में उतरे हैं. यही नहीं इनमें से कई तो ऐसे हैं, जो खुलेआम खालिस्तान की मांग करते और इसे सही भी बताते हैं.
Lok Sabha Election, Khalistan

पंजाब में बेखौफ चुनाव लड़ रहे कई खालिस्तान समर्थक

Lok Sabha Election 2024: पंजाब में लोकसभा चुनाव के लिए सबसे आखिरी चरण के तहत 1 जून को मतदान होने वाला है. इसके लिए सभी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस आम आदमी पार्टी और अकाली दल जैसे मुख्य दलों के प्रत्याशियों के अलावा कई खालिस्तान समर्थक(Khalistan) भी चुनाव में उतरे हैं. यही नहीं इनमें से कई तो ऐसे हैं, जो खुलेआम खालिस्तान की मांग करते और इसे सही भी बताते हैं. इनमें से एक अमृतपाल सिंह भी है, जो पिछले कई महीनों से असम के डिब्रूगढ़ की जेल में बंद है. अमृतपाल सिंह के परिजनों का कहना है कि वह निर्दलीय खडूर साहिब सीट से चुनाव लड़ने वाला है.

खालिस्तान को सच बताने वाले सिमरनजीत दोबारा मैदान में

संगरूर सीट से लोकसभा सांसद सिमरनजीत सिंह मान के फिर से चुनाव लड़ने की चर्चा है. वह उपचुनाव में सांसद बने थे और दोबारा चुनाव में उतरने वाले हैं. गौरतलब है कि, सांसद बनने के बाद भी वह अलगाववादी विचार का समर्थन करते हैं कहा था कि खालिस्तान एक सच्चाई है, जिसे कोई नकार नहीं सकता है. सिमरनजीत ने यह भी कहा था कि जैसे भारत-पाकिस्तान है, वैसे ही खालिस्तान भी है. यही नहीं सिमरनजीत ने माना था कि उन्होंने खालिस्तान समर्थकों(Khalistan supporters) को विदेश भेजने में मदद की और उन्हें शरण देने के लिए लेटर भी लिखे थे. उनका कहना था कि 50 हजार लोगों के लिए उन्होंने ऐसे लेटर लिखे और इसके लिए हर शख्स से 35 हजार रुपए भी लिए गए.

इंदिरा गांधी के हत्यारे का बेटा भी लड़ रहा है चुनाव

सिमरनजीत सिंह के साथ ही इंदिरा गांधी के हत्यारे बेअंत सिंह का बेटा सरबजीत सिंह खालसा भी चुनाव लड़ रहा है. इससे पहले भी वह 2014 में फतेहगढ़ साहिब से और 2019 में बठिंडा से लोकसभा का चुनाव लड़ चुका है, लेकिन जीत नहीं पाया. इस बार वह फरीदकोट से चुनाव लड़ रहा है. उसके दादा सुच्चा सिंह और मां बिमल कौर भी सांसद रह चुके हैं. सरबजीत सिंह खालसा खुलकर खालिस्तान का समर्थन करता है. बता दें कि 31 अक्टूबर, 1984 में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के घर पर ही दो सुरक्षाकर्मियों बेअंत सिंह और सतवंत सिंह ने ही उनकी गोलियां मारकर हत्या कर दी थी.

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अमृतपाल का करीबी संदीप सिंह भी लड़ेगा चुनाव

अमृतपाल, सिमरनजीत सिंह और सरबजीत के अलावा संदीप सिंह ने भी चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. वह खुद को अमृतपाल सिंह का ही समर्थक बताता है. बता दें कि संदीप सिंह पर हिंदू नेता सुधीर सूरी की साल 2022 में हत्या करने का आरोप है. इस बीच मिली जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों संदीप के परिवार और सिख संगठनों की बैठक हुई थी, इसके बाद ही उसके चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू की गई. वह अमृतसर लोकसभा सीट से नीर्दलिय चुनाव लड़ेगा. कहा जा रहा है कि उसके चुनाव की प्रक्रिया जेल से ही पूरी की जाएगी. संदीप के परिवार का कहना है कि अगर अमृतपाल सिंह डिब्रूगढ़ जेल से चुनाव लड़ सकता है तो संदीप को भी लोकसभा का चुनाव लड़ाया जाएगा.

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