लोकसभा चुनाव के नतीजों पर RSS नेता का बड़ा बयान, बोले- जो अहंकारी हो गए उन्हें श्रीराम ने 241 पर रोक दिया, विपक्ष पर कही ये बात
Lok Sabha Election 2024: हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के नतीजे को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के नेता इंद्रेश कुमार ने बड़ा बयान दिया है. सत्तारूढ़ बीजेपी को ‘अहंकारी’ और विपक्षी इंडिया ब्लॉक को ‘राम विरोधी’ बताते हुए उन्होंने कहा कि राम सबके साथ न्याय करते हैं. इंद्रेश कुमार आगे कहा कि लोकसभा चुनाव को ही देख लीजिए. जिन्होंने राम की भक्ति की, लेकिन उनमें धीरे-धीरे अंहकार आ गया. उस पार्टी को सबसे बड़ी पार्टी बना दिया. लेकिन जो उसको पूर्ण हक मिलना चाहिए, जो शक्ति मिलनी चाहिए थी, वो भगवान ने अहंकार के कारण रोक दी.
आरएसएस नेता ने अपने बयान में आगे कहा कि जिन्होंने राम का विरोध किया, उन्हें बिल्कुल भी शक्ति नहीं दी. उनमें से किसी को भी शक्ति नहीं दी. सब मिलकर भी नंबर-1 नहीं बने. नंबर-2 पर खड़े रह गए. इसलिए प्रभु का न्याय विचित्र नहीं है. सत्य है. बड़ा आनंददायक है.
ये भी पढ़े- जी-7 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने इटली पहुंचे PM मोदी, मेलोनी-बाइडेन संग कर सकते हैं द्विपक्षीय वार्ता
“राम की भक्ति की लेकिन पार्टी अहंकारी हो गई”
गुरुवार को जयपुर के कानोता में ‘रामरथ अयोध्या यात्रा दर्शन पूजन समारोह’ को संबोधित करते हुए इंद्रेश कुमार ने ये बाते कही. इंद्रेश आरएसएस के राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य भी हैं. हालांकि, उन्होंने अपने बयान में किसी पार्टी का नाम नहीं लिया. लेकिन उनका इशारा साफ तौर पर पक्ष-विपक्ष की तरफ संकेत दे रहा था. बिना नाम लिए बीजेपी पर निशाना साधते हुए इंद्रेश ने कहा, जिस पार्टी ने (भगवान राम की) भक्ति की, लेकिन अहंकारी हो गई, उसे 241 पर रोक दिया गया, लेकिन उसे सबसे बड़ी पार्टी बना दिया गया.
वहीं इंडिया ब्लॉक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, और जिनकी राम में कोई आस्था नहीं थी, उन्हें एक साथ 234 पर रोक दिया गया. उन्होंने आगे कहा, लोकतंत्र में रामराज्य का विधान देखिए, जिन्होंने राम की भक्ति की लेकिन धीरे-धीरे अहंकारी हो गए, वो पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन जो वोट और ताकत मिलनी चाहिए थी, वो भगवान ने उनके अहंकार के कारण रोक दी.
राम का विरोध करने वालों की नहीं मिली सत्ता
समारोह के दौरान बोलते हुए आरएसएस नेता ने कहा कि जिन्होंने राम का विरोध किया, उनमें से किसी को भी सत्ता नहीं दी गई. यहां तक कि उन सभी को एक साथ नंबर दो बना दिया गया. भगवान का न्याय सच्चा और आनंद दायक है. उन्होंने कहा, जो लोग राम की पूजा करते हैं उन्हें विनम्र होना चाहिए और जो राम का विरोध करते हैं, भगवान स्वयं उनसे निपटते हैं.
मोहन भागवत ने भी दिया था बयान
इंद्रेश कुमार की यह टिप्पणी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान के कुछ दिन बाद आई है. मोहन भागवत ने कहा था कि एक सच्चे ‘सेवक’ में अहंकार नहीं होता और वो ‘गरिमा’ बनाए रखते हुए लोगों की सेवा करता है. नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में मोहन भागवत ने आगे कहा था, जो सच्चे सेवक हैं, जिसे वास्तविक सेवक कहा जा सकता है, वो मर्यादा से चलता है. उस मर्यादा का पालन करके जो चलता है, वो कर्म करता है लेकिन कर्मों में लिपटा नहीं होता. उसमें अहंकार नहीं आता कि मैंने किया.
वही सेवक कहने का अधिकारी रहता है. एक सच्चा ‘सेवक’ गरिमा बनाए रखता है. वो काम करते समय मर्यादा का पालन करता है. उसे यह कहने का अहंकार नहीं है कि ‘मैंने यह काम किया’. सिर्फ उस व्यक्ति को सच्चा ‘सेवक’ कहा जा सकता है.