Exit Poll: राम मंदिर, हिंदू हृदय सम्राट… किन कारणों से BJP को मिल सकता है बंपर बहुमत! जानिए कहां चूक गया विपक्ष

Exit Poll: केंद्र की BJP सरकार की ओर से शुरू की गई लाभार्थी स्कीम्स का इन चुनावों में सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है. उत्तर प्रदेश में सीएम योगी और अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में जमकर रैलियां की.
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किन कारणों से BJP को मिल सकता है बंपर बहुमत!

Lok Sabha Election 2024 Exit Poll: देश में 18वीं लोकसभा चुनाव के लिए मतदान खत्म हो चुके हैं और अब बारी है नतीजों की, लेकिन इससे पहले देश की कई मीडिया एजेंसियों की ओर से एग्जिट पोल के आंकड़े भी जारी हो गए हैं. इन एग्जिट पोल्स में भारतीय जनता पार्टी को बंपर बहुमत मिलते दिख रहे हैं. अगर यह आकड़े नतीजों में बदलते हैं तो केंद्र में तीसरी बार BJP बहुमत के साथ सरकार बनाने में सफल हो जाएगी. ऐसे में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि कौन से मुख्य कारण हैं जिसके चलते BJP इतनी बड़ी लीड लेते हुए दिख रही है.

1-लाभार्थी स्कीम्स और इंफ्रास्ट्रक्चर

केंद्र की BJP सरकार की ओर से शुरू की गई लाभार्थी स्कीम्स का इन चुनावों में सबसे अधिक प्रभाव पड़ा है. ऐसे में INDIA ब्लॉक में शामिल पार्टियों के मुस्लिम समेत कोर वोटर्स इन्हीं लाभार्थी स्कीम्स के चलते NDA को वोट देते दिखे. सरकारी आकड़ों के मुताबिक देश में करीब 80 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज दिया जा रहा है. घर और शौचालय बनाने के लिए सब्सिडी दी जा रही है. गरीबों का आयुष्मान कार्ड के जरिए मुफ्त इलाज हो रहा है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि इस तरह की योजनाएं पहली बार लागू हुई हैं. इस बीच लोगों का मानना यह है कि उनका क्रियान्यवयन अब सही तरीके से हो रहा है. ऐसे में उन्हें यह भी लगता है कि कोई दूसरी सरकार आ गई तो यह योजनाएं बंद हो जाएंगी. सरकारी आकड़ों के मुताबिक, भारत के सुदूर गांवों के लोगों को भी बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर से लाभ मिल रहा है. इसे भी एक कारण बताया जा रहा है.

2-राम मंदिर-माइक्रो लेवल पर काम

अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन हुआ. जहां एक NDA के दलों ने इस पर खुशी जताई, वहीं दूसरी ओर INDIA ब्लॉक से सभी दलों ने इससे दूरी बना ली. साथ ही कई नेताओं ने ऐसे बयान भी दिए, जिससे नकारात्मक प्रभाव भी पड़ा. अगर INDIA ब्लॉक से दिग्गज नेता जैसे कि राहुल गांधी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, तेजस्वी यादव ने राम मंदिर पर अपने रुख को सकारात्मक करते तो शायद राम मंदिर को श्रेय BJP नहीं ले पाती और वोट में भी फर्क पड़ता. वहीं BJP हर चुनाव की तरह इस चुनाव में माइक्रो लेवल पर काम करती दिखी. चुनाव से पहले ही महाराष्ट्र लेकर गुजरात, बिहार, यूपी, हिमाचल और मध्य प्रदेश में कई दिग्गज कांग्रेसियों ने पार्टी को अलविदा कह दिया और BJP में शामिल हो गए. वहीं सपा और AAP को भी इसका नुकसान सहना पड़ा.

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3- BJP का हिंदू हृदय सम्राट और रैलियां

इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अकेले 206 रैलियां की. गृह मंत्री अमित शाह ने 188, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 101, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 134 रैलियां की. उत्तर प्रदेश में सीएम योगी और अमित शाह ने उत्तर प्रदेश में जमकर रैलियां की. इसी के साथ देश के BJP शासित राज्यों ने मुख्यमंत्रियों ने भी जमकर मोर्चा संभाला. सीएम योगी ने पीएम मोदी से केवल 2 कम यानी 204 रैलियां की हैं. इस दौरान हिंदू वोटों को साधने के लिए जमकर भाषण भी दिए गए. वहीं विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल और प्रियंका गांधी ने कुल मिलाकर 315 रैलियां किए. अखिलेश यादव ने केवल 81 रैलियां ही की. हालांकि, बिहार में तेजस्वी यादव ने 251 रैलियां करके विपक्ष और सत्ता पक्ष की ओर से सबसे अधिक रैलियां करने वाले नेता का खिताब अपने नाम कर लिया.

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