Indore: राजवाड़ा में किया गया होलिका दहन, 300 साल पुरानी परंपरा को निभाया गया, अहिल्याबाई की राजगादी पर चढ़ाया गया गुलाल

Holi 2025: यह परंपरा 300 साल से निभाई जा रही है. अब इसे सरकारी आयोजन में शामिल कर लिया गया. हर साल होलिका दहन के लिए कंडों का उपयोग किया जाता है
300 years old tradition was performed with Holika Dahan in Indore's Rajwada

इंदौर के राजवाड़ा में होलिका दहन के साथ निभाई गई 300 साल पुरानी परंपरा

Holi 2025: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में हर त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. हर त्योहार का केंद्र शहर का दिल राजवाड़ा होता है. गुरुवार को राजवाड़ा में 300 साल पुरानी परंपरा को निभाते हुए, होलिका का दहन किया गया. ये आयोजन होलकर परिवार की ओर से हर साल धुरेडी से एक दिन पहले आयोजित किया जाता है.

देवी अहिल्याबाई के वंशज ने किया होलिका दहन

राजवाड़ा परिसर के गेट के सामने 1100 कंड़ों से बनी होलिका तैयार की गई. यह परंपरा 300 साल से निभाई जा रही है. अब इसे सरकारी आयोजन में शामिल कर लिया गया. हर साल होलिका दहन के लिए कंडों का उपयोग किया जाता है. इस वर्ष भी निर्धारित समय पर ही होलिका दहन हुआ. जहां कार्यक्रम से पहले होलकर राजवंश के महाराज रिचर्ड होलकर ने राजवाड़ा स्थित भगवान मल्हार मार्तंड के दर्शन किए और फिर देवी अहिल्या बाई होलकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण भी किया.

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इसके बाद होलिका दहन की पूजा विधिवत रूप से शुरू की और होलिका दहन किया. इस कार्यक्रम में रिचर्ड होलकर के अलावा इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव और सांसद शंकर लालवानी के अलावा साथ आए 40 से अधिक मेहमानों ने मल्हारी मार्तंड मंदिर में भगवान की आराधना करते हुए रंग-गुलाल लगाकर होली भी खेली. वहीं सभी ने मिलकर देवी अहिल्या बाई होलकर की गादी पर चांदी की पिचकारी से रंग डाला. इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु और आगंतुक उपस्थित रहे.

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