Mahashivratri 2004: महाशिवरात्रि के मौके पर महाकाल मंदिर में हुई भस्म आरती, बाबा के दर्शन के लिए शिव भक्तों का लगा तांता

Mahashivratri 2024: देश भर में महाशिवरात्रि के महापर्व की धूम है. शिवरात्रि पर्व के अवसर पर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में आज सुबह तीन बजे विशेष पंचामृत अभिषेक और भस्म आरती पूजन किया गया.
Mahashivratri 2024

महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन

Mahashivratri 2024: देश भर में महाशिवरात्रि के महापर्व की धूम है. शिवरात्रि पर्व के अवसर पर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में आज सुबह तीन बजे विशेष पंचामृत अभिषेक और भस्म आरती पूजन किया गया. बाबा की भस्म आरती में शामिल होने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु महाकाल मंदिर में पहुंचे हैं. महाशिवरात्रि पर बाबा महाकाल के दर्शन के लिए महाकालेश्वर मंदिर में लगभग 12 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की आने की संभावना है. गौरतलब है कि महाशिवरात्रि का पर्व देश भर में मनाया जाता है, लेकिन बाबा महाकाल कि नगरी उज्जैन में इस पर्व कि बात ही कुछ खास है.

चैत्र माह में राजाधिराज (महाकाल) के आंगन में विवाह अर्थात महाशिवरात्रि की धूम रहती है. इस अवसर पर शिव नवरात्रि महोत्सव भी मनाया जाता है. नौ दिनों तक चलने वाले इस शिवनवरात्री पर्व के आखिरी दिन को महाशिवरात्रि के रूप में मनाई जाती है. आज बाबा के दरबार में शिवरात्रि पर्व उल्लास के साथ मनाया जा रहा है.

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सुबह 3 बजे हुई भस्म आरती 

आज सुबह 3 बजे बाबा महाकाल की भस्म आरती की गई. इससे पहले बाबा को पंचामृत अर्थात दूध, दही, घी, शकर व शहद से नहलाया गया. इसके बाद चंदन का लेपन कर सुगंधित द्रव्य चढ़ाए गए. बाबा की प्रिय विजया (भांग) से भी उन्हें श्रृंगारित किया गया. इसके बाद उन्हें श्वेत वस्त्र ओढ़ाया गया और फिर बाबा को भस्म रमाने की प्रक्रिया शुरू हुई. भस्मीभूत होने के बाद झांझ-मंजीरे, ढोल-नगाड़े व शंखनाद के साथ बाबा की भस्म आरती की गई.

बाबा महाकाल पर रोज चढ़ाई जाती है भस्म 

बताते चलें कि उज्जैन में भगवान शिव भूतभावन महाकाल रूप में विराजित हैं. बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक केवल यही ज्योतिर्लिंग है, जिसकी मुद्रा दक्षिणमुखी है. पूरी तरह से भगवान महाकालेश्वर के रंग में रंगे इस शहर की सुबह-शाम ऐसी लगती है, मानो स्वयं विधाता ने इसे अमृत की बूंदों से नहलाकर सजाया-संवारा हो. और यही वे बाबा महाकाल हैं जिन पर रोज भस्म चढ़ाई जाती है.

44 घंटे के लिए खोले जाएंगे मंदिर के पट

महाशिवरात्रि के अवसर पर लगातार 44 घंटे मंदिर के पट खुले रहेंगे. इसके लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं. ऐसी व्‍यवस्‍था की गई है कि श्रद्धालुओं को 45 मिनट में भगवान महाकाल के दर्शन हो सकें. वहीं देश-दुनिया में फैले शिवभक्‍त अपने घर से बाबा महाकाल के दर्शन कर सकें, इसके लिए मंदिर ट्रस्‍ट के ऑफिशियल YouTube Channel पर महाकालेश्‍वर मंदिर से लाइव स्‍ट्रीमिंग की जा रही है.

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