मोहन के रंग में रंगा पटना, सीएम ने बिहारियों को MP में बिजनेस का दिया न्योता, लोकतंत्र में यादवों की अहमियत भी बताई
CM Mohan Yadav: मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव गुरुवार को बिहार की राजधानी पटना पहुंचे. उनके पटना पहुंचने पर ना केवल बिहार बल्कि पूरे देश की मीडिया की नजरें जमी रहीं. दरअसल, सीएम यादव पटना श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में श्रीकृष्ण चेतना विचार मंच के कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां उनका सम्मान किया गया. हालांकि, श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में कार्यक्रम के दौरान सीएम मोहन यादव ने राजनीतिक टिप्पणी करने से बचते हुए केवल अध्यात्मिक बातें ही कीं. इस दौरान कई बार श्रीकृष्ण के नाम के जयकारे भी लगाए गए. इससे पहले जब वे पटना एयरपोर्ट पहुंचे, तो बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनका शानदार स्वागत किया.
एमपी में बिजनेस के लिए खोले दरवाजे
मोहन यादव ने बिहार के लोगों को कहा कि आप मध्यप्रदेश में आकर बिजनेस करें. आपका अगर मन करे, तो हमेशा के लिए हमारे प्रदेश में ही बस जाएं. मेरा मकसद केवल आम लोगों की जिन्दगी बदलना है.
‘बिहार से रिश्ता भाव का है’
सीएम मोहन यादव ने कहा कि मैं बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन से आता हूं. माता-सीता की जन्मस्थली पर आकर में सभी को प्रणाम करता हूं. मेरा आपसे रिश्ता शब्दों का नहीं भाव का है.
बिहार नाम के कन्फ्यूजन को दूर किया
बिहार के नाम को लेकर सीएम यादव ने कहा इसको लेकर काफी कन्फ्यूजन है. लेकिन इसका जुड़वा श्रीकृष्ण से है. उन्होंने इसके बाद कहा-बोलिये वृन्दावन बिहारी लाल की जय. भगवान कृष्ण के नाम अभिनंदन में बिहार का नाम आता है, इससे बढ़कर क्या हो सकता है.
लोकतंत्र में यादवों की भूमिका
सीएम मोहन यादव ने लोकतंत्र में यादवों की भूमिका को लेकर कहा कि हमारे समाज ने लोकतंत्र को जिंदा रखने में अहम भूमिका निभाई है. शिक्षा में हमारा समाज कितना जागृत है, इसका उदाहरण कृष्ण हैं.
पीएम मोदी का किया जिक्र
पीएम नरेंद्र मोदी का जिक्र करते हुए मोहन यादव ने कहा कि मुझे द्वारिकाधीश के भक्त हमारे प्रधानमंत्री ने चुना है. उनका परिवार चाय बेचकर घर चलाता था. उनकी मां दूसरों के घर के बर्तन धोकर परिवार पालती थीं, आज वो हमारे देश के प्रधानमंत्री बने हैं.
स्वागत में होर्डिंग और पोस्टर लगे
मोहन यादव का दौरा बीजेपी के लिए कितना खास है, इस बात का अंदाजा पटना में लगे पोस्टरों से लगाया जा सकता है. पूरे शहर में उनके स्वागत में पोस्टर लगा दिए गए हैं. साथ ही हर तरफ तोरण द्वार भी बनाए गए थे. बड़े-बड़े होर्डिंग के जरिए मोहन यादव का अभिनंदन किया गया.