‘ना हिंदू आतंकवादी होता है, ना ही आतंकी हमले में RSS की कोई भूमिका’, मालेगांव ब्लास्ट केस के फैसले पर दिग्विजय का बड़ा बयान

दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मैंने हिंदू आतंकवाद की बात कभी नहीं कही. हर धर्म प्रेम और अहिंसा का रूप है. केवल कुछ लोग होते हैं जो कि धर्म को नफरत की तरह इस्तेमाल करते हैं. वही लोग आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं.'
Congress leader Digvijay Singh.

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह.

Digvijay Singh On Malegaon blast case: मुंबई की एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कोर्ट ने 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में BJP की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है. इस फैसले के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का बड़ा बयान सामने आया है. दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मुंबई में हुए हमले के लिए ना तो मैंने RSS के शामिल होने के लिए कहा, और ना ही मैंने हिंदू आतंकवाद होने वाली बात कही थी.’

‘ना हिंदू आतंकवाद होता है, ना इस्लामिक आतंकवाद होता है’

मालेगांव बम विस्फोट मामले में NIA कोर्ट का फैसला आने के बाद दिग्विजय सिंह ने हिंदू आतंकवाद वाले बयान को लेकर कहा, ‘मैंने हिंदू आतंकवाद की बात कभी नहीं कही. ना हिंदू आतंकवाद होता है, ना इस्लामिक आतंकवाद होता है.हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई हर धर्म प्रेम और अहिंसा का रूप है. केवल कुछ लोग होते हैं जो कि धर्म को नफरत की तरह इस्तेमाल करते हैं. वही लोग आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं.’

सबूतों के अभाव में सभी को बरी किया

मालेगांव बम ब्लास्ट में बरी होने वालों में पूर्व BJP सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के अलावा लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित (सेवानिवृत्त), मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), समीर कुलकर्णी, अजय राहिरकर, राकेश धवड़े और सुधाकर चतुर्वेदी शामिल हैं.

इन सभी आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधियां निवारण अधिनियम (UAPA), आर्म्स एक्ट और अन्य धाराओं के तहत आरोप थे. फैसला 31 जुलाई को सुनाया गया, जिसमें कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी को बरी कर दिया.

महाराष्ट्र के नासिक में हुआ था बम ब्लास्ट

तारीख 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर बंधे बम में विस्फोट हुआ था. इस हमले में छह लोगों की मौत हुई और 100 से अधिक घायल हुए. यह विस्फोट रमजान के पवित्र महीने के दौरान हुआ, जिससे मामला और संवेदनशील हो गया. शुरुआत में जांच महाराष्ट्र ATS ने की थी, जिसने हिंदू चरमपंथी संगठनों पर शक जताया. बाद में मामला NIA को सौंपा गया.

साध्वी प्रज्ञा बोलीं- मुझे प्रताड़ित किया

NIA कोर्ट में जज को संबोधित करते हुए साध्वी प्रज्ञा सिंह ने कहा- ‘मैंने शुरू से ही कहा था कि जिन्हें भी जांच के लिए बुलाया जाता है, उनके पीछे कोई न कोई आधार जरूर होना चाहिए. मुझे जांच के लिए बुलाया गया और मुझे गिरफ्तार करके प्रताड़ित किया गया. इससे मेरा पूरा जीवन बर्बाद हो गया. मैं एक साधु का जीवन जी रही थी लेकिन मुझ पर आरोप लगाए गए और कोई भी हमारे साथ खड़ा नहीं हुआ. मैं जिदा हूं क्योंकि मैं एक सन्यासी हूं. उन्होंने साजिश करके भगवा को बदनाम किया. आज भगवा की जीत हुई है, हिंदुत्व की जीत हुई है और ईश्वर दोषियों को सज़ा देगा. हालांकि, भारत और भगवा को बदनाम करने वालों को आपने गलत साबित नहीं किया है…’

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