Harda Blast: हरदा में खत्म हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन, पटाखा फैक्ट्री विस्फोट में 11 लोगों की मौत, 200 से ज्यादा घायल

Harda Blast: हरदा हादसे पर एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने इसे प्रशासन की गंभीर लापरवाही बताया. साथ ही उन्होंने विधानसभा सत्र के पहले दिन ही हरदा हादसे पर प्रदेश सरकार दो घेरा. 
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हरदा की एक फटाखा फैक्ट्री में लगी आग

Harda Blast: मध्य प्रदेश के हरदा में पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि लगभग 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए. बता दें कि रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है. इस हादसे ने एक बार फिर पूरे देश को झंकझोर कर रख दिया है. एमपी के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव बुधवार को हरदा पहुंचे, जहां उन्होंने जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों और घायलों से मुलाकात की और घटना स्थल का हवाई निरीक्षण भी किया. साथ ही सीएम ने डॉक्टरों व अधिकारियों को सभी घायलों को उचित देखभाल मुहैया करने के निर्देश दिए.

खत्म हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन 

हरदा में पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट मामले संभागायुक्त पवन शर्मा ने बताया कि ग्राउंड जीरो पर बचाव अभियान खत्म हो गया है. फैक्ट्री संचालक के पास 4 लाइसेंस थे जिनमें से दो लाइसेंस एक महीने पहले ही निलंबित हो गए थे.

630 किलो से ज्यादा विस्फोटक सामग्री थी फैक्ट्री में

जिस फैक्टरी में हादसा हुआ, उनमें से एल-5 के दो लाइसेंस थे. इसमें कुल 300 किलो विस्फोटक सामग्री रखने की अनुमति रहती है. एल-2 कैटगरी में 15-15 किलो विस्फोटक रखने की अनुमति जिला स्तर पर दी जाती है. फैक्टरी में 600 किलो से ज्यादा विस्फोटक सामग्री थी, जो हादसे की वजह बनी. फैक्टरी को लेकर विस्फोटकों का लाइसेंस राजेश, सोमेश और उनके एक रिश्तेदार के नाम पर था.

आरोपियों को सिवनी मालवा से ले गए हरदा 

हरदा पटाखा फैक्टरी में ब्लास्ट के मुख्य आरोपियों सोमेश अग्रवाल, राजेश अग्रवाल और सुपरवाइजर रफीक खान को पुलिस ने राजगढ़ जिले के सारंगपुर में गिरफ्तार किया था. तीनों आरोपियों को बुधवार सुबह करीब पांच बजे सिवनी मालवा थाने लाया गया था. इसके बाद हरदा पुलिस ने बुधवार दोपहर करीब सवा बजे जाने के लिए कस्टडी में लिया है. बताया जा रहा है कि आरोपियों को सुरक्षा की दृष्टि से सिवनी मालवा थाने में रखा गया था.

केंद्र और राज्य सरकार ने किया मुआवजे का ऐलान

घायलों को मृतकों को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान राज्य सरकार की तरफ से किया गया है. पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों को दो लाख जबकि घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया. यह राशि प्रधानमंत्री राहत कोष से दी जाएगी.

मंगलवार को हुआ था हादसा

6 फरवरी मंगलवार सुबह करीब 11 बजे धमाका हुआ था, जिसकी चपेट में आने से कई राहगीर वाहन समेत दूर उछल गए. धमाका इतना तेज था कि पूरे शहर में इसकी आवाज सुनाई दी. लपटें और धुएं का गुबार दूर से देखा जा रहा था. एक घंटे से अधिक समय तक धमाके होते रहे. हादसे के बाद घायलों को बचाने न केवल हरदा बल्कि इंदौर और भोपाल से भी राहत और बचाव दल भेजे गए. यह अब तक हुए हादसों में सबसे बड़ा रेस्यू ऑपरेशन बताया जा रहा है. इसमें 11 जिलों से 150 से अधिक एंबुलेंस मौके पर भेजी गई. घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए स्पेशल ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. वहीं 25 फायर ब्रिगेड करीब आग बुझाने में जुटी रहीं और प्लाटून के 200 से अधिक जवान बचाव व राहत कार्य में जुटे रहे.

करीब 60 घरों में लगी थी आग

बताया जा रहा है कि हादसे में फैक्ट्री में ही नहीं बल्कि आसपास बने करीब 60 घरों में भी आग लग गई थी. एहतियातन आस पास की करीब 100 से ज्यादा इमारतों को खाली करा दिया गया. साथ ही फैक्ट्री मालिक राजेश अग्रवाल, सोमेश अग्रवाल और रफीक खान को मंगलवार रात करीब 9 बजे राजगढ़ जिले के सारंगपुर से पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया. 

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने की मुलाकात

बुधवार सुबह कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी हरदा जिला अस्पताल पहुंचे और घायलों से मुलाकात की. इसके तुरंत बाद उन्होंने कई पोस्ट कर बीजेपी की सरकार और सीएम मोहन यादव को घेरने की कोशिश की. एक वीडियो भी शेयर किया. 

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का आया बयान 

हरदा हादसे पर एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ ने इसे प्रशासन की गंभीर लापरवाही बताया साथ ही उन्होंने विधानसभा सत्र के पहले दिन ही हरदा हादसे पर प्रदेश सरकार दो घेरा. 

पहले हो चुकी है तीन मौत

फैक्ट्री के पास तीन साल पहले एक मकान में तीन लोगों की पटाखा बनाते समय मौत हो गई थी. राजू अग्रवाल घरों में लोगों को कच्चा माल देता था. उनसे पटाखे बनवाता था. इसके बदले में उन्हें पैसा देता था और यह गोरखधंधा अवैध तरीके से चलता था.

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