Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में गौ तस्करों की अब खैर नहीं, सख्त हुई सरकार, कैबिनेट से इस विधेयक को मिली मंजूरी

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश गोहत्या निषेध अधिनियम, 2004 में संशोधन कर जिलाधिकारियों को गोहत्या के लिए गायों को लाने-ले जाने में शामिल वाहनों को जब्त करने का अधिकार देने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दी गई. इस अधिनियम के तहत राज्य में गोमांस और गायों को अवैध तरीके से लाने-ले जाने पर प्रतिबंध है. 
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मोहन यादव ( मख्यमंत्री, मध्य प्रदेश )

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक हुई. इस बैठक में गौ तस्करी रोकने के लिए मंत्रिमंडल ने अहम विधेयक को मंजूरी दी. मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल ने गोहत्या के लिए गायों को लाने-ले जाने में इस्तेमाल होने वाले वाहनों को जब्त करने के विधेयक को मंजूरी दी. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए.

इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि बैठक में मध्य प्रदेश गोहत्या निषेध अधिनियम, 2004 में संशोधन कर जिलाधिकारियों को गोहत्या के लिए गायों को लाने-ले जाने में शामिल वाहनों को जब्त करने का अधिकार देने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दी गई. इस अधिनियम के तहत राज्य में गोमांस और गायों को अवैध तरीके से लाने-ले जाने पर प्रतिबंध है.

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“गोहत्या में शामिल वाहनों को छोड़ा नहीं जाएगा”

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक बयान में कहा कि कई बार गायों को अवैध तरीके से लाने-ले जाने के दौरान पकड़े गए वाहनों को अदालत के आदेश पर छोड़ दिया जाता है. मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि हमने तय किया है कि गोहत्या में शामिल वाहनों को जब्त किया जाएगा और उन्हें छोड़ा नहीं जाएगा.”

बोरवेल की घटनाओं पर विधेयक को मंजूरी

मंत्रिमंडल ने खुले में बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाओं को रोकने के लिए भी एक विधेयक को मंजूरी दी है. इसमें खुले बोरवेल को न भरने या बंद नहीं करने पर मालिकों पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है. यह कदम राज्य में खुले बोरवेल में बच्चों की गिरकर मौत होने की कई घटनाओं को देखते हुए उठाया गया है.

अब मंत्री खुद भरेंगे इंकम टैक्स

मंत्रिमंडल ने मध्यप्रदेश मंत्री (वेतन एवं भत्ता) संशोधन विधेयक, 2024 में संशोधन करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी. इस प्रस्ताव के बाद अब से राज्य के मंत्रियों को अपना आयकर खुद जमा करना होगा न कि सरकार को इसका बोझ उठाना पड़ेगा. एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में एक निर्णय लिया गया था और सोमवार को विधेयक को मंजूरी दे दी गई. इस विधेयक ने 52 साल पुराने नियम को समाप्त कर दिया था.

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