प्रज्ञा ठाकुर को राहत, कोर्ट के फैसले पर ‘टिप्पणी’ से बचे कमलनाथ, रामेश्वर शर्मा बोले- ‘हिंदू न कभी आतंकवादी था, न है और न रहेगा…’

Malegaon Blast Case: महाराशष्ट्र मालेगांव ब्लास्ट केस में सातों साध्वी प्रज्ञा ठाकुर समेत सातों आरोपियों को बरी कर दिया है. इस फैसले पर पूर्व CM कमलनाथ कुछ भी बोलने से बचते नजर आए. वहीं, BJP विधायक रामेश्वर शर्मा ने कांग्रेस पर हमला बोला है.
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मालेगांव ब्लास्ट केस में रिएक्शन

Malegaon Blast Case: महाराष्ट्र के मालेगांव ब्लास्ट केस में 17 साल बाद NIA कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा ठाुकर समेत 7 आरोपियों को बरी कर दिया है.  इस फैसले के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व CM कमलनाथ ने कोई भी ‘टिप्पणी’ करने से इंकार कर दिया है. वहीं, हुजूर विधानसभा सीट से BJP विधायक रामेश्वर शर्मा ने कांग्रेस पर हमला बोला है.

‘टिप्पणी’ से बचे कमलनाथ

मालेगांव ब्लास्ट केस में NIA कोर्ट के फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा- ‘कोर्ट का फैसला है इसमें हमें क्या टिप्पणी करना. कोर्ट का फैसला सबको स्वीकार करना चाहिए. जिस पर कोर्ट ने फैसला दे दिया उस हम चर्चा क्यों करें? जो भी प्रभावित थे वह अपील जरूर करेंगे. भगवा आतंकवाद है या नहीं इस पर कोर्ट ने फैसला दे दिया है. इस पर चर्चा नहीं करना चाहिए.’

BJP विधायक रामेश्वर शर्मा ने दिया बयान

कोर्ट के इस फैसले पर हुजूर विधानसभा सीट से BJP विधायक रामेश्वर शर्मा ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा- ‘कांग्रेस और दिग्विजय सिंह की रणनीति सामने आई है. कोर्ट ने अपने फैसले में बताया कि हिंदू कभी आतंकवादी नहीं था. इस्लामिक आतंकवाद पर पर्दा डालने के लिए कांग्रेस ने जानबुझ कर ‘हिंदू आतंकवाद’ शब्द को गढ़ा. हिंदू न कभी आतंकवादी था, न है और न रहेगा. दिग्विजय सिंह सहित पूरी कांग्रेस को हिंदूओं से माफी मांगनी चाहिए.’

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2008 मालेगांव ब्लास्ट

तारीख 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में एक मस्जिद के पास मोटरसाइकिल पर बंधे बम में विस्फोट हुआ था. इस हमले में छह लोगों की मौत हुई और 100 से अधिक घायल हुए. यह विस्फोट रमजान के पवित्र महीने के दौरान हुआ, जिससे मामला और संवेदनशील हो गया. शुरुआत में जांच महाराष्ट्र ATS ने की थी, जिसने हिंदू चरमपंथी संगठनों पर शक जताया. बाद में मामला NIA को सौंपा गया.

इस मामले में कोर्ट आरोपी पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल प्रसाद पुरोहित, रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी और सुधाकर धर द्विवेदी को बरी कर दिया है.

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