2 करोड़ के बीमा के लिए पत्नी संग रची खुद की मौत की साजिश, निर्दोष को जिंदा जलाकर बनाया मोहरा
सुनील सिंह
Madhya Pradesh: जनपद चित्रकूट के थाना राजापुर क्षेत्र में 30 जून की सुबह एक जलती हुई कार में अधजले शव की बरामदगी से सनसनी फैल गई थी. पहली नजर में यह हादसा प्रतीत हुआ, लेकिन जब मामले की परतें खुलीं, तो एक ऐसी साजिश सामने आई जिसने सबको चौंका दिया. पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि मृत घोषित किया गया व्यक्ति सुनील सिंह जीवित है और उसने अपनी पत्नी हेमा सिंह के साथ मिलकर बीमा की रकम हड़पने के लिए यह शातिर साजिश रची थी. दोनों को पुलिस ने 7 जुलाई की रात को आनंदपुर रगौली के पास से गिरफ्तार कर लिया.
बरामद हुआ था जला हुआ शव
30 जून 2025 को सुबह लगभग 4:30 बजे थाना राजापुर को डायल 112 के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि ग्राम सिकरी अमान के पास एक अल्टो K10 कार (MP19 CB 3053) जल रही है. मौके पर पहुंची पुलिस व फायर ब्रिगेड ने आग बुझाई तो कार में एक पूरी तरह जला हुआ शव बरामद हुआ. 2 जुलाई को वादी गिरिजा शरण सिंह ने थाना राजापुर में रिपोर्ट दर्ज कराई कि उक्त कार उसके साले सगमेन्द्र सिंह के नाम पर पंजीकृत है, जिसे उनका दामाद सुनील सिंह चलाता था. घटनास्थल पर पहुंचे परिजनों ने शव की पहचान सुनील सिंह के रूप में की. इसके आधार पर राजापुर थाने में मु0अ0सं0 167/25 धारा 103(1), 238 BNS बनाम अज्ञात के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है.
पुलिस को शुरू से ही मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा था. जांच में पता चला कि घटना की रात 29 जून को सुनील सिंह ने अपनी पत्नी से आखिरी बार रात 11:20 बजे फोन पर बात की थी और बताया था कि वह रामबाग (बरगढ़) के पास है. इसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया.पत्नी हेमा ने पुलिस को बताया कि सुनील हार्वेस्टर चालक को लेने सुल्तानपुर गया था और संभवतः उसी दौरान हादसे में जलकर मर गया. पुलिस को शक हुआ और मामले की गहराई से जांच शुरू की गई.
पुलिस ने घेराबंदी कर किया गिरफ्तार
पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसओजी प्रभारी एम.पी. त्रिपाठी और थानाध्यक्ष प्रवीण सिंह के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की. जांच के दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि कथित मृतक सुनील सिंह जीवित है और चोरी-छिपे अपने रिश्तेदार से मिलने आनंदपुर गांव आ रहा है. पुलिस टीम ने घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में सुनील ने कबूल किया कि उसने भारी कर्ज और पारिवारिक तानों से परेशान होकर 2 करोड़ रुपये के बीमा का लाभ उठाने के लिए खुद को मृत घोषित करने की योजना बनाई थी.
निर्दोष युवक को बनाया शिकार
सुनील ने बताया कि वह रीवा जिले के शराब ठेके पर विनय चौहान नामक एक व्यक्ति से मिला था, जिसकी शारीरिक बनावट उससे मिलती-जुलती थी और जिसके कोई करीबी रिश्तेदार नहीं थे. उसने विनय को अपने घर लाकर शराब पिलाई, कुछ पैसे दिए और फिर उसे कार में बैठाकर एक सुनसान जगह ले गया. गाड़ी में पहले से एक गैस सिलेंडर, हार्वेस्टर का टायर, बॉडी स्प्रे की बोतलें और कपूर रखे गए थे.
यह भी पढ़ें: Jabalpur: 40 दिन भी नहीं टिक पाई 40 लाख की सड़क! पहली बारिश में ही अलग हुई डामर और गिट्टी
सुनसान जगह पहुंचने पर उसने विनय के शरीर पर कपूर डालकर आग लगा दी और भाग निकला. उसके बाद उसकी पत्नी हेमा ने पूरे नाटक के अनुसार सुनील की “मौत” का दावा किया. हालांकि पुलिस ने शव का डीएनए नमूना लेकर जांच के लिए भेज दिया था, पर उससे पहले ही साजिश का खुलासा हो गया और सुनील सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया.पुलिस ने जब उसकी पत्नी हेमा से पूछताछ की तो उसने स्वीकार किया कि वह भी इस साजिश में शामिल थी और ऐशो-आराम के लालच में उसने पति का साथ दिया.