MP News: 10 मिनट की देरी पर परीक्षा नहीं दे पाए 10वीं के कई स्टूडेंट्स, नहीं खोला स्कूल का गेट, बेहोश हुई छात्रा

MP News: परीक्षा से वंचित हुए बच्चे और उनके परिजन दोपहर 12 बजे तक स्कूल के बाहर खड़े रहे, लेकिन केन्द्राध्यक्ष दीप्ति शर्मा ने स्कूल के अंदर जाने नहीं दिया.
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प्रदर्शन करते छात्र

MP News: मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं क्लास की परीक्षाएं 5 फरवरी से शुरू हो गई हैं. आज शुक्रवार को कक्षा दसवीं की संस्कृत की परीक्षा थी. इस बीच जबलपुर के खालसा हायर सेकंडरी स्कूल रांझी में पढ़ने वाले 6 स्टूडेंट्स परीक्षा नहीं दे पाए. उन्हें परीक्षा से वंचित कर दिया गया और उनका कुसूर सिर्फ इतना था कि वह 10 मिनट की देरी से परीक्षा केंद्र पहुंचे थे, इसलिए केंद्राध्यक्ष ने गेट नहीं खोला. इस कारण बच्चों को एंट्री नहीं मिली और वह संस्कृत का पेपर नहीं दे पाए.

विनती करते रहे परिजन, एक छात्रा हुई बेहोश

सुबह खालसा स्कूल रांझी में जब कुछ विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित रखा गया तो इस दौरान कुछ बच्चे परिजनों के साथ बाहर खड़े रहे. उन्होंने केंद्राध्यक्ष से विनती की थी कि बच्चों के भविष्य का सवाल है, लेकिन फिर भी किसी ने इनकी बात नहीं मानी और बच्चे परीक्षा नहीं दे पाए. इस सदमे में एक छात्रा तो बेहोश भी हो गई. लेकिन केन्द्राध्यक्ष का दिल नहीं पसीजा. इस दौरान बच्चों और अभिभावकों ने गेट के बाहर प्रदर्शन भी किया. हंगामे की जानकारी लगते ही रांझी थाने की पुलिस भी स्कूल पहुंच गई और उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर परिजनों को शांत कराया. हालांकि मामला शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा, जिसके बाद अब जांच की बात सामने आ रही है.

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स्कूल प्रबंधन का बयान, तय समय पर हुए गेट बंद

इस मामले में स्कूल प्रबंधन का कहना है कि उन्होंने शासन के निर्देशानुसार तय समय पर ही स्कूल के गेट बंद किए थे. खालसा स्कूल रांझी के सहसचिव दमनीत सिंह प्रिंस भसीन ने बताया कि जैसे ही हमें इस बात की जानकारी मिली तुरंत स्कूल पहुंचे. केंद्राध्यक्ष दीप्ति शर्मा ने कहा कि विद्यार्थी 8 बजकर 57 मिनट पर स्कूल पहुंचे थे, जबकि हमनें 8 बजकर 47 मिनिट तक गेट खुला रखा, लेकिन विद्यार्थी उसके बाद परीक्षा देने पहुंचे. छात्रों ने बताया कि उन्हें दसवीं बोर्ड परीक्षा के कारण वह सही समय पर स्कूल पेपर देने पहुंचे थे, उन्होंने संस्कृत विषय को लेकर बहुत तैयारी भी की थी. लेकिन परीक्षा नहीं दे पाने के कारण उनका भविष्य खराब होने की कगार पर आ गया है.

प्रशासन करेगा जांच

परीक्षा से वंचित हुए बच्चे और उनके परिजन दोपहर 12 बजे तक स्कूल के बाहर खड़े रहे, लेकिन केन्द्राध्यक्ष दीप्ति शर्मा ने उन्हें अंदर जाने नहीं दिया. इस मामले की जानकारी जब प्रशासन को लगी तो संबंधित अधिकारियों का कहना है कि निश्चित रुप से इसकी जानकारी ली जा रही है और इसकी जांच भी की जाएगी.

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