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MP हाई कोर्ट ने सरकार से पुलिस थानों में बने धार्मिक स्थलों की लिस्ट मांगी, 7 दिन की दी मोहलत

MP High Court seeks list of religious places in police station

एमपी हाईकोर्ट ने पुलिस थाने में धार्मिक स्थलों की सूची मांगी

MP News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (Madhya Pradesh High Court ) ने सरकार को प्रदेश भर के पुलिस थाना (Police Station) परिसरों के अंदर बने मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों की पूरी सूची पेश करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि मंदिरों के निर्माण की तिथि के अलावा किसके आदेश पर धार्मिक स्थलों (Religious Places) का निर्माण हुआ है इसका पूरा ब्यौरा अदालत में पेश किया जाए. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में दायर याचिका की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ (Bench) ने सरकार के रुख पर तल्ख टिप्पणी भी की है.

कोर्ट ने सरकार की किसी भी दलील को मानने से इनकार करते हुए थाना परिसरों में मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों के निर्माण से संबंधित ब्यौरा पेश करने के लिए सरकार को 7 दिन की मोहलत दी है.

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हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से किया इनकार

थाना परिसरों में बने मंदिरों के खिलाफ लगी याचिका में अपीलकर्ताओं ने भी अपनी आपत्तियां हाई कोर्ट में दायर की है. लेकिन हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अपीलकर्ताओं की आपत्तियों को सुनने से फिलहाल इनकार कर दिया है. कोर्ट ने पहले सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

प्रदेश के 800 पुलिस थानों में 1,259 धार्मिक स्थल

जबलपुर के अधिवक्ता सतीश वर्मा की ओर से दायर इस याचिका में प्रदेश के थाना परिसरों के अंदर मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों के निर्माण को लेकर चुनौती दी गई है. याचिका में प्रदेश के 1,259 में से करीब 800 थाना परिसरों में मंदिर और धार्मिक स्थल बनाए जाने को लेकर ऐतराज जताया गया है. याचिका में थाना परिसरों में धार्मिक स्थलों के निर्माण को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया गया है.

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6 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रदेश में नए बनने वाले मंदिरों में भव्य तरीके से मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों का निर्माण कराया जा रहा है. यहां तक की थानों में बने मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर आए दिन विभिन्न अनुष्ठान भी किया जा रहे हैं. जिससे पुलिस का काम प्रभावित होता है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी निर्धारित की है.

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