MP News: दलित आंदोलन को लेकर ग्वालियर में अलर्ट, चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेगा पुलिस बल
MP News: 21 अगस्त को भारत बंद की चेतावनी को लेकर ग्वालियर चंबल अंचल में पुलिस और प्रशासन अलर्ट हो गया है. भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के अलावा कई और संगठनों ने शक्ति प्रदर्शन के साथ प्रशासन को ज्ञापन देने की योजना बनाई है. बंद के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा न हो इसके लिए पुलिस और प्रशासन ने कड़ी निगरानी शुरू कर दी है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेजों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. ग्वालियर में लगभग 145 जगह पर पुलिस पिकेट बनाए गए हैं. 45 पार्टियां तैनात की गई हैं और ज्ञापन देने वालों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. ग्वालियर पुलिस का कहना है कि बहुजन समाज पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को झलकारी बाई पार्क पर जुटने के लिए कहा है जबकि भीम आर्मी आजाद समाज पार्टी कलेक्ट्रेट पर एकजुट होगी.
बंद के दौरान हिंसा की आशंका को देखते हुए पुलिस और प्रशासन की ओर से जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं हालांकि बंद को लेकर पुलिस और प्रशासन इसे ज्ञापन लेने की सामान्य प्रक्रिया बता रहे हैं. लेकिन आम लोगों की सुरक्षा में कोई चूक न हो जाए इसलिए हर कोने पर कड़ी सुरक्षा और निगरानी रखी जा रही है. सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर फैसला सुनाते हुए कहा था, ”सभी एससी और एसटी जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं. कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हो सकती हैं.” कोर्ट ने कहा कि जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है उन्हें आरक्षण में प्राथमिकता मिलनी चाहिए. इस फैसले पर भारत बंद का ऐलान करने वाले संगठन इसे को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. बंद को लेकर ग्वालियर चंबल अंचल में 2 अप्रैल 2018 को बड़ी हिंसा हुई थी. तोड़फोड़ आगजनी के साथ कई लोगों की जान भी चली गई थी. इस तरह की घटना दोबारा ना हो इसलिए पुलिस और प्रशासन ने पूरे अंचल को अपनी कड़ी निगरानी में ले लिया है.
बंद का ऐलान करने वाले संगठनों के ज्ञापन देने से पहले ग्वालियर चंबल अंचल में शासन की ओर से पुलिस और प्रशासन के सभी अधिकारियों को जगह-जगह निगरानी के निर्देश दिए गए हैं.हालांकि प्रशासन को ज्ञापन में आने वाली भीड़ का अंदाजा तो है लेकिन 2 अप्रैल 2018 को जिस तरह से अनियंत्रित भीड़ अचानक सड़कों पर निकल आई थी उसको लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है. ग्वालियर कलेक्टर रुचिका सिंह चौहान का कहना है कि जो लोग स्वेच्छा से बंद करना चाहे वह कर सकते हैं, लेकिन किसी से भी जबरदस्ती बंद कराया गया या किसी प्रकार का दबाव दिया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी.बंद के दौरान सभी जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी.