MP News: ओरल कैंसर में देश में भोपाल दूसरे नंबर पर, धड़ल्ले से हो रही गुटखा-पान मसाला की बिक्री
MP News: आज विश्व तंबाकू निषेध दिवस है. यह दिन तंबाकू के उपयोग को कम करने के लिया मनाया जाता है. मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में तंबाकू, गुटखा और पान मसाला जैसी चीजें बेचना निषेध है, लेकिन खुले तौर पर ये पदार्थ मार्केट में बेचे जाते हैं. भोपाल गुटखा, पान मसाला, खैनी का सेवन करने से ओरल कैंसर मरीजों की संख्या देश में दूसरे नंबर पर है.
आज तंबाकू निषेध दिवस है, जितने भी कैंसर के मरीज मिल रहे हैं उनमें से 80 % तंबाखू का सेवन करते पाए गए हैं. मध्य प्रदेश सरकार ने 2012 में ही पाउच वाले गुटखा की बिक्री पर रोक लगा दी है, इसके बावजूद प्रदेश में कैंसर मरीजों की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही है. मध्य प्रदेश में सरकार की आय गुटखे की बिक्री से 4 हजार करोड़ का फायदा होता है. यह रकम सरकार टैक्स के रूप में कमाती है.
आईसीएमआर की नेशनल कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की रिपोर्ट के अनुसार भोपाल मुंह के कैंसर के मामले में देश में दूसरे स्थान पर है. विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर विस्तार न्यूज़ ने गुटका पान मशाल की गुमटियों पर जा कर पड़ताल की लोग ये जानते है की इसका सेवन हमारे लिए घातक हो सकता है पर आदत है तो फिर भी खा रहे है, तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों का यह भी कहना है सरकार अगर बेच रही है तो हम खा रहे हैं अगर बंद करना है तो सरकार बनना ही बंद कर दे भोपाल में एक लाख में से 16 लोग मुंह के कैंसर से और 8 लोग जीभ के कैंसर से पीड़ित हैं. वहीं इस कैंसर पीड़ितों के इलाज के लिए भोपाल में करीब 50 करोड़ रुपए सालाना खर्च हो रहे हैं
भोपाल में 10 लाख रुपये के गुटखे की खपत मानी जाती
आंकड़ों की मानें तो राजधानी भोपाल में हर रोज करीब 10 लाख रुपये के पान मसाले की खपत है. इसके अलावा बीड़ी और सिगरेट जैसे तंबाकू उत्पादों की खपत का आंकड़ा भी है. राजधानी भोपाल में आने वाले गुटखे का उत्पादन मुख्य रूप से कानपुर में होता है, यहां से इंदौर तक खेप पहुंचाई जाती है. इसके बाद भोपाल में गुटखे का पाउच तैयार किया जाता है.
भोपाल में मुंह के कैंसर के मरीज हर साल करीब 3.8 फीसदी की दर से बढ़ रहे हैं. इस हिसाब से अगर देखें तो शहर की 30 लाख आबादी में औसतन 500 ओरल कैंसर के मरीज हैं. आयुष्मान के 5 लाख रुपये के इलाज की दर से जोड़ें तो लगभग सालभर में 25 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. वहीं अगर दवाइयों का खर्च जोड़ें तो 50 करोड़ रुपये का खर्च होता है.
रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर सभी शासकीय कर्मचारी को निर्देशित किया है की अगर कोई भी कर्मचारी तंबाकू का सेवन कर कार्यालय आया या परिसर के गंदा कर्ता पाया गया टू उस पर कार्यवाही होगी. उन्होंने साथ ही आम जन से भी गुटखा तंबाखू का सेवन न करने की अपील की है.