MP News: तेंदुए का बुरहानपुर के 3 गांवों में आतंक, 8 बकरियों को बनाया शिकार, गाय को भी बनाया निशाना, वन विभाग के सामने काबू में करने की चुनौती

Leopard Hunters caught in burhanpur: तेंदुएं ने शुक्रवार की ग्राम चिडिय़ापानी में रात आठ बकरियों का शिकार किया है. अब ग्रामीण रातभर जागने को मजबूर हैं.
Rural and Forest Department Pinjra in Dashhat narrating his ordeal

आपबीती सुनाते दशहत में ग्रामीण व वन विभाग पिंजरा

Burhanpur: एमपी के बुरहानपुर में लगातार तेदुंए का आंतक बढ़ता जा रहा है. हालात इस कदर बिगड़ गए हैं कि गांव के लोगों सोना तक बंद कर दिया है. लोग रात भर जाग कर अपने अपने घरो की रखवाली कर रहे हैं. बच्चे और महिलाएं सोती हैं. जबकि घरों के पुरुष समूह में जागकर गांव की रखवाली करने को मजबूर हैं.

ग्रामीणों बताई आंखोदेखी

जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर ग्राम पंचायत मोहद के मोहल्ले जावलिया के रहने वाले रघु ने बताया कि ”मैं ग्राम मोहद के जावलिया में रहता हूं. बच्चे, महिलाएं सहमे हुए है. हर एक या दो दिन या फिर कभी रोज रात को आंगन में तेंदूआ आ रहा है. एक बार तो आदमखोर जानवर बिल्कुल सामने आ गया. उसके और मेरे बीच 20 फीट से भी कम दूरी थी, लेकिन मैं डरा नहीं, शोर मचाया, मुश्किल से तेंदूआ भागा. अब हम गांव वाले रात को सुकून की नींद नहीं ले पा रहे हैं, क्योंकि हर समय डर लगा रहता है कि कब, कहां से तेंदूआ आ जाए और हमला कर दें. बच्चों, महिलाओं को सुला देते हैं. हम पुरूष जागते हैं. तेंदूआ आता है. हम शोर मचाकर भगाते हैं. कभी-कभी तो तेंदूआ शोर से भी टस से मस नहीं होता है. खड़ा रहता है. अपने मन से अपनी दिशा में जाता है. तेंदूआ गांव से कुछ ही दूरी पर स्थित नदी के पास तक जाता है. वहां से फिर लौट जाता है. अब हम सिर्फ खुद को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.”

खुद को और पशुओं को बचाने के लिए ग्रामीण कर रहें संघर्ष

जावलिया के रघु की आंखों में तेंदूए की दहशत साफ झलक रही थी. सिर्फ रघु नहीं गांव में हर कोई डरा, सहमा सा है. आमतौर पर गर्मी के दिनों में आंगन में बने छप्पर या पेड़ों की छांव में समय बिताने वाले, बच्चे, बड़े, महिलाएं टीन के बने मकानों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. जावलिया मुख्य गांव से दो किमी दूर पहाड़ी क्षेत्र में है. कुछ 50 से अधिक मकान है. मकानों के साथ कुछ लोगों के बाड़े है. जिनमें मवेशी बंधे रहते हैं. हालांकि अब तक तेंदूए ने शिकार नहीं किया है, लेकिन तेंदूआ किसी पर भी हमला कर सकता है. लोगों का कहना है हम तेंदूए से खुद को और पशुओं को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से तेंदूए की आमद जावलिया में हो रही है. लोगों का कहना है वन विभाग तो तेंदूए को पकडऩे की कोशिश कर रहा है, लेकिन हम भी सतर्कता बरत रहे हैं.

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वन विभाग ने रखा बंद पिंजरा, उसमें डाले केले के पत्ते, कैसे पकड़ाएगा तेंदूआ

सूचना पर वन विभाग का अमला हरकत में आया है. शनिवार सुबह सात बजे वन अमला जावलिया पहुंचा. जवान साथ में पिंजरा लेकर आए. गांव के पास ही पहाड़ी पर पिंजरा रखा, लेकिन हैरत की बात है कि पिंजरे का एक मुख तक खुला नहीं रखा है. इसे बंद कर रखा है. यही नहीं हैरत इस बात की भी है कि शिकार करने वाले आदमखोर को पकडऩे के लिए पिंजरे में केले के पत्ते रख दिए है. ऐसे में तेंदूआ पिंजरे में कैसे घुसेगा.

30 किमी के दायरे में अलग-अलग गांव में दिख रहा तेंदूआ

पिछले एक सप्ताह से तेंदूआ शाहपुर थाना क्षेत्र के ग्राम बंभाड़ा, जावलिया, चिडिय़ापानी में दिखाई दे रहा है. इन तीनों गांवों का क्षेत्र लगभग तीस किमी के दायरे में है. इन्हीं गांवों में तेंदूए की आमद हो रही है. एक सप्ताह पहले ग्राम बंभाड़ा में तेंदूए ने गाय का शिकार किया था.

चिडिय़ापानी में आठ बकरियों का शिकार किया

जहां मोहद के गांव जावलिया में तेंदूआ दिखा है. उससे मात्र 10 किमी दूरी पर स्थित ग्राम चिडिय़ापानी में भी शुक्रवार की रात जंगली जानवर ने आठ बकरियों का शिकार किया है. यहां भी तेंदूआ होने का अंदेशा है. यह बकरियां एक बाड़े में छप्पर के नीचे बंधी हुई थी. सुबह मालिक के आने पर बकरियों का शिकार होने का पता चला.

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