MP News: दमोह में फैला डायरिया का प्रकोप, 1 की मौत, 50 बीमार, दहशत में ग्रामीण
MP News: मध्य प्रदेश के कई जिलों से डायरिया के केस सामने आ रहे हैं.ताजा तस्वीरें दमोह जिला मुख्यालय से करीब 15 किलो दूर बांसनी गांव की है,जहां बीते दिनों हुई भारी बारिश के चलते जलस्त्रोत के आस पास दूषित पानी जमा हो गया और यहीं दूषित पानी रिस रिस कर जमीन के अंदर पंहुचकर हैंडपंप और कुंए में जमा हो गया इस दूषित पानी को पीने से गांव के करीब 50 से अधिक लोग उल्टी दस्त का शिकार हो गए जिनमें करीब 1 दर्जन बच्चे शामिल हैं.
26 जुलाई को मुड़ा गांव में 1 महिला की मौत
जिले में डायरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा है. कुछ दिन पहले डायरिया की चपेट में आने से पटेरा ब्लॉक के मुड़ा गांव में एक महिला ने उल्टी दस्त से दम तोड़ दिया, जबकि करीब 15 से अधिक लोग डायरिया के शिकार हो गए.जिनमें से करीब 1 दर्जन मरीजों को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया.तो वहीं कुछ लोग स्थानीय स्तर पर डॉक्टर्स से इलाज ले रहे हैं.तो वहीं दूसरी तस्वीरें बासनी गांव की है, जहां डायरिया का प्रकोप फैलने से महिलाएं,बच्चे सहित करीब आधा सैकड़ा लोग इस बीमारी की चपेट में आ गए.
स्वास्थ्य विभाग का अमला बांसनी गांव में जमाए हुए हैं डेरा
मंगलवार की देर शाम जब ग्रामीणों की 1- 1 कर तबियत खराब होने लगी तो इसकी सूचना स्वास्थ्य अमले को दी गई,जिसके बाद स्वास्थ्य अमले की टीम बांसनी गांव पहुचीं. जहां करीब 53 से अधिक लोगों का चैकअप किया गया. जिसमें से 3 मरीजो की हालत गंभीर होने के चलते मंगलवार की देर रात ही उन्हें एंबुलेंस की मदद से दमोह जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. जबकि अन्य मरीज फिलहाल खतरे से बाहर बताये जा रहा है.
जबकि जिला प्रशासन की ओर से तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर हालातो का जायजा भी लिया तो वहीं बताया जाता है कि बासनी गांव में दो ही हैंडपंप है जो पीने के पानी का एक मात्र स्त्रोत है,और बरसात आते ही जिसका पानी दूषित हो जाता हैं. जिसके चलते सुबह से ही बच्चों को उल्टी दस्त जैसी समस्या शुरू हो गई और गांव के करीब 1 दर्जन से अधिक बच्चे 1-1 कर बीमार हो गए.
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लगातार बिगड़ रहे हालात
बुधवार के दिन ज्यादातर घरों से बच्चों,महिलाओं की हालत बिगड़ने की शिकायत देखे जाने के बाद स्वास्थ्य अमले को फिर से सूचना दी गई जिसके बाद से स्वास्थ्य विभाग का अमला बासनी गांव में ही डेरा डाले हुए है, और लगातार लोगों को इलाज कर रहा है.जबकि एक महिला और चार बच्चों की हालत गंभीर होने पर पांचों को जिला अस्पताल रेफर किया गया,तो कुछ लोगों को बांसा तारखेड़ा उपस्वास्थ्य केंद्र में इलाज हेतु भर्ती कराया गया है.
पीएचई विभाग ने नहीं उठाए कोई सख्त कदम
दरअसल,बारिश के दिनों में डायरिया फैलने की संभावना बढ़ जाती है. ऐसे हालातों में पेयजल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने से लेकर नियमित रूप से पानी की जांच कर हैंडपंपों, कुंए, पाइप लाइनों में क्लोरीनेशन कराने की जिम्मेदारी पीएचई विभाग सहित ग्राम पंचायतो की होती है.लेकिन न तो इस ओर पीएचई विभाग ने ध्यान दिया और न ही ग्राम पंचायत बांसनी के जिम्मेदार सचिव,सरपंच ने लिहाजा 1-1 कर गांव की महिलाएं, बच्चे और कुछ बुजुर्ग डायरिया के शिकार हो गये.
तो वहीं इस पूरे मामले में पीएचई विभाग के SDO अशोक मुकाती ने सफाई देते हुए कहा कि कल रात में खबर मिली थी कि बांसनी गांव में कुछ लोग बीमार हो गये उल्टी दस्त की शिकायत है.तो हमने रात में ही टीम भेजकर के सभी जगह क्लोरीनेशन कर दिया था हैंडपंपों का और सभी ग्रामवासियों को समझाइश दी गई कि जो भी पानी आ रहा है, उसे उबालकर पीयें और 10 लीटर पानी में क्लोरीन की 10 बूंदे डालकर ही पानी को सेवन करें. पानी के सेंपल भी लिए गए हैं जिसकी जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा.
वहीं जब SDO साहिब से इस इलाके के हैंडपंपों के पानी की जांच पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने जबाब देते हुए कहा कि पानी की जांच निरंतर होती रहती है.ये सवाल यहीं खत्म नहीं होता बल्कि पानी की जांच की गई होती तो शायद ये सभी ग्रामीण आज स्वस्थ होते जो आज डायरिया की प्रकोप झेल रहे हैं.