MP News: भोपाल के दिव्यांश अग्रवाल को IIT में मिला डायरेक्टर गोल्ड मेडल, 55वें दीक्षांत समारोह में किया गया सम्मानित

MP News: इस समारोह में जुबिलेंट भरतिया समूह के संस्थापक और सह-अध्यक्ष तथा 1979 बैच के आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र हरि एस भरतिया बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे.
Divyansh Aggarwal has received the Director's Gold Medal in IIT.

दिव्यांश अग्रवाल को आईआईटी में डायरेक्टर गोल्ड मेडल मिला है.

MP News: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली के 55वें दीक्षांत समारोह में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक. के छात्र दिव्यांश अग्रवाल को डायरेक्टर गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया. दिव्यांश भोपाल के रहने वाले कंसलटेंट दीप अग्रवाल और शालिनी अग्रवाल के बेटे है. ये अवार्ड छात्र के इंस्टीट्यूट में ओवर ऑल परफ़ॉर्मेंस को देख कर दिया जाता है.

2,656 स्नातक छात्रों को दी गई डिग्री और डिप्लोमा

दिव्यांश ने स्कूली पढ़ाई भोपाल से ही की है. दिव्यांश स्कूली दिनों से ही मेधावी छात्र रहे है. दसवीं बारहवीं के अलावा जेईई एडवांस परीक्षा में भी दिव्यांश ने मेरिट में स्थान प्राप्त किया था. आईआईटी दिल्ली के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष हरीश साल्वे ने स्नातक छात्रों को संस्थान पदक प्रदान किए. शनिवार को हुए इस समारोह में 2,656 स्नातक छात्रों को डिग्री और डिप्लोमा प्रदान किए.

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भरतिया समूह के संस्थापक बोले- जोखिम लेने से न डरें

इस समारोह में जुबिलेंट भरतिया समूह के संस्थापक और सह-अध्यक्ष तथा 1979 बैच के आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्र हरि एस भरतिया बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे. इस मौके पर अपने संबोधन में हरि एस. भरतिया ने डिग्री प्राप्त करने वालों से उद्यमिता की भावना और नवाचार की मानसिकता को अपनाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि दुनिया को ऐसे व्यक्तियों की आवश्यकता है जो रचनात्मक सोच और निर्णायक कार्रवाई के माध्यम से सभी बिंदुओं को जोड़ सकें. भरतिया ने कहा कि जोखिम लेने से न डरें. अपने रास्ते में आने वाली अनिश्चितताओं को स्वीकार करें. दुनिया तेजी से बदल रही है और सीखने और अनुकूलन करने की क्षमता आपकी सबसे बड़ी संपत्ति होगी.

स्नातक करने वाले छात्रों में से 25 प्रतिशत छात्राएं हैं. दीक्षांत समारोह में 481 पीएचडी स्नातकों को डिग्री प्रदान की, जो पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है. यह संस्थान के शोध पर जोर का भी प्रमाण है. 481 भी अब तक की सबसे अधिक संख्या है. इस वर्ष कुल पीएचडी स्नातकों में से 42 प्रतिशत छात्राएं हैं.

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