Bharat Jodo Nyay Yatra: कल एमपी में पहुंचेगी राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा, जानें A टू Z कार्यक्रम

Bharat Jodo Nyay Yatra: भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण में इस यात्रा का नाम बदलकर 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' कर दिया गया. इस यात्रा की शुरुआत 14 जनवरी 2024 को मणिपुर से हुई और इस यात्रा का समापन 20 मार्च 2024 को मुंबई में होगा.
Bharat Jodo Nyay Yatra

राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा (फाइल फोटो)

मणिपुर से अपना सफर शुरू करके भारत जोड़ो न्याय यात्रा यूपी के बाद एमपी में प्रवेश करने वाली है. एमपी की सरहद तक पहुंचने के साथ-साथ लोकसभा चुनाव के करीब भी पहुंच गई है. भारत जोड़ो न्याय यात्रा सिंधिया के गढ़ में प्रवेश करने वाली है. ज्योतिरादित्य सिंधिया जो कभी कांग्रेस के बड़े नेता रहे और राहुल गांधी के करीबी माने जाते थे. 2 मार्च को भारत के सबसे बड़े सूबे यूपी से भारत के दिल यानी एमपी में ये यात्रा प्रवेश करने वाली है.

लोकसभा चुनाव के लिए दो महीने से भी कम का समय बचा है. चुनाव आयोग मार्च के पहले या दूसरे सप्ताह में लोकसभा चुनाव की घोषणा कर सकता है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं. जहां एक तरफ बीजेपी लोकसभा उम्मीदवारों की फाइनल लिस्ट के लिए पार्टी के भीतर रायशुमारी करा रही है. वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा कर रहे हैं. इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की थी. भारत जोड़ो यात्रा 7 सितंबर 2022 को कन्याकुमारी से शुरू होकर 30 जनवरी 2023 को जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में खत्म हुई. कांग्रेस की खोई चमक को वापस लाने के लिए राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान पदयात्रा की.

भारत के दक्षिण से लेकर उत्तर तक कांग्रेस को फिर से स्थापित करने की तैयारी की गई. भारत जोड़ो यात्रा के कारण कांग्रेस को कर्नाटक में वापसी करने में सफलता मिली. राहुल गांधी के नेतृत्व में हुई ये यात्रा 136 दिन तक चली. तमिलनाडु से शुरू होकर जम्मू कश्मीर में खत्म हुई यानी 14 राज्यों से होकर गुजरी. भारत जोड़ो यात्रा एमपी में प्रवेश करने के बाद कांग्रेस का फोकस प्रदेश के सबसे बड़े सूबे यानी मालवा पर रहा. इस यात्रा के दौरान कांग्रेस ने महू, इंदौर और उज्जैन पर ध्यान दिया.

भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण में इस यात्रा का नाम बदलकर ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ कर दिया गया. इस यात्रा की शुरुआत 14 जनवरी 2024 को मणिपुर से हुई और इस यात्रा का समापन 20 मार्च 2024 को मुंबई में होगा. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में जहां कांग्रेस उत्तर से दक्षिण तक वहीं ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के द्वारा पूर्वोत्तर से लेकर पश्चिम तक साधने की तैयारी में है.

भारत जोड़ो न्याय यात्रा की मुरैना में एंट्री

पूर्वोत्तर से सफर शुरू करके राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा यूपी से एमपी के चंबल संभाग में 2 मार्च को प्रवेश करेगी. चंबल संभाग का सबसे मुख्य शहर मुरैना है. मुरैना गजक, चंबल नदी, घड़ियाल और बागियों के लिए जाना जाता है. मुरैना यूपी की सीमा से लगा शहर है. यहां यूपी की राजनीति की झलक भी देखने को मिलती है. पिछले 28 सालों से मुरैना लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है. मुरैना में राहुल गांधी रोड़ शो करेंगे.

मुरैना से सांसद रहे नरेंद्र सिंह तोमर अब दिमनी से विधायक हैं. जिन्हें विधानसभा का अध्यक्ष बना दिया गया है. नरेंद्र सिंह तोमर केंद्र की बीजेपी सरकार में कृषि मंत्री रह चुके हैं. सूत्रों की माने तो बीजेपी नरेंद्र सिंह तोमर को फिर से मुरैना लोकसभा सीट से उतार सकती है. कांग्रेस यहां से बहुत लंबे समय से सत्ता में नहीं है. शायद राहुल गांधी की इस यात्रा से मुरैना लोकसभा सीट जीतने में मदद मिल सके.

मुरैना के बाद ग्वालियर में होगी एंट्री

मुरैना के बाद राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा ग्वालियर में प्रवेश करेगी. ग्वालियर में राहुल गांधी का मेगा रोड़ शो होगा. शहर के चार शहर के नाका से लेकर हजीरा चौक तक रोड़ शो किया जाएगा. कांग्रेस नेता राहुल गांधी यहां जनसभा को संबोधित भी करेंगे. इस दौरान कांग्रेस नेता विपिन वानखेड़े साथ रहेंगे. विपिन वानखेड़े कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं. राहुल गांधी अग्निवीर के पूर्व सैनिकों से बात करेंगे इ्सके बाद 3 मार्च को घाटीगांव में पहुंचेंगे. इसके बाद मोहना गांव होते हुए मोरखेड़ा पहुंचेंगे. मोरखेड़ा में राहुल गांधी आदिवासी संवाद करेंगे.

अब बात करते हैं ग्वालियर लोकसभा सीट की. साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के रामसेवक सिंह ने जीत दर्ज की थी. जिन्हें लोग ‘बाबू जी’ के नाम से जानते हैं. साल 2006 में रामसेवक सिंह का निधन हो गया. रामसेवक सिंह के निधन के बाद उपचुनाव हुआ. इस उपचुनाव में सिंधिया घराने की यशोधरा राजे सिंधिया ने बीजेपी से जीत दर्ज की. तब से ग्वालियर लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है. साल 2009 के चुनाव में फिर से यशोधरा राजे सिंधिया चुनकर आईं. साल 2014 के चुनाव में नरेंद्र सिंह तोमर और साल 2019 के चुनाव में विवेक शेजवलकर ने जीत दर्ज की.

सिंधिया के गढ़ में एंट्री

इसके बाद यात्रा सातनवाड़ा  पहुंचेगी. 3 मार्च को ही दोपहर को यात्रा शिवपुरी पहुंचेगी. बाबू क्वाटर शिवपुर से लेकर झांसी रोड तिराहा तक रोड शो का आयोजन किया जाएगा. इस रोड शो में राहुल गांधी के साथ कई कांग्रेस नेता मौजूद रहेंगे.

4 मार्च को सुबह 11 बजे रुठिआई होते हुए दिग्विजय सिंह के गढ़ राघौगढ़ में पहुंचेंगे. दोपहर करीब 12.30 बजे राघौगढ़ में एक रोड़ शो करेंगे जो साडा कॉलोनी से शुरू होकर नया बस स्टैंड पर खत्म होगा. इस रोड़ शो में दिग्विजय सिंह के बेटे और राघोगढ़ से विधायक जयवर्धन सिंह साथ होंगे. राहुल गांधी लंच जे पी यूनिवर्सिटी में करेंगे.राघोगढ़ में लंच करने के बाद करीब दोपहर दो बजे गुना जिले के बीनागंज में यात्रा पहुंचेगी. इसके बाद भारत जोड़ो न्याय यात्रा राजगढ़ जिले में प्रवेश कर जाएगी.

गुना-शिवपुरी को मिलाकर एक लोकसभा सीट बनती है. यहां से वर्तमान सांसद केपी यादव हैं. जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी रहे थे. गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट सिंधिया परिवार का गढ़ रहा है. साल 2019 में लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कृष्णपाल यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को हरा दिया. बाद में साल 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो गए और राज्यसभा सांसद बन गए. केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं.

गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट का इतिहास देखें तो सिंधिया परिवार का कोई न कोई चेहरा दिखाई देता है. इस सीट से ज्योतिरादित्य सिंधिया चार बार यानी साल 2002, 2004, 2009 और 2014 में सांसद बने. ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया भी इस सीट से चार बार यानी साल 1971,1977, 1980 और 1999 में सांसद रहे. विजयाराजे सिंधिया जो ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी थीं. उन्होंने सबसे पहले सिंधिया परिवार से इस सीट से चुनाव लड़ा. गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से 6 बार सांसद रहीं. विजयाराजे राजे सिंधिया ने साल 1957 में पहला चुनाव कांग्रेस पार्टी की टिकट से ही लड़ा लेकिन दूसरी बार यानी साल 1967 में स्वतंत्र पार्टी से चुनाव लड़ा और जीता भी. बाकी बचे चार चुनाव विजयाराजे सिंधिया ने बीजेपी पार्टी के टिकट से लड़े और जीते.

राजनीतिक गलियारों में खबर ऐसी है कि गुना-शिवपुरी सीट से बीजेपी ज्योतिरादित्य सिंधिया को उम्मीदवार बना सकती है. स्थानीय लोगों में सिंधिया राजघराने के प्रति आदर है. गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट का इतिहास देखें तो सिंधिया परिवार ही सर्वोपरि नजर आता है. शायद राहुल गांधी की यात्रा से यहां के स्थानीय कार्यकर्ताओं में नया जोश आए और कांग्रेस को जीतने का एक मौका मिले.

सिंधिया के गढ़ से राजगढ़ में एंट्री

भारत जोड़ो न्याय यात्रा 4 मार्च को ही राजगढ़ जिले के बीनागंज में पहुंचेगी. यहां स्वागत समारोह का आयोजन किया जाएगा. इसके बाद यात्रा एमपी का चौराहा कहे जाने वाले ब्यावरा में शाम 5 बजे पहुंचेगी. यहां राहुल गांधी एक जनसभा को संबोधित करेंगे. राहुल गांधी 4 मार्च को ही राजगढ़ के गांव भाटखेड़ी पहुंचेंगे. यहां शाम 6 बजे ‘किसान संवाद’ कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम में राहुल गांधी किसानों से बातचीत करेंगे. भाटखेड़ी में ही राहुल गांधी रात्रि विश्राम करेंगे.

राजगढ़ लोकसभा सीट के इतिहास की बात करें तो पहले आम चुनाव यानी 1952 से लेकर साल 1962 तक ये सीट कांग्रेस के पास रही. इसके बाद कांग्रेस और बीजेपी के पास आती जाती रही लेकिन राघौगढ़ राजघराने के पास राजगढ़ सीट सबसे लंबे समय तक रही. इस सीट से दिग्विजय सिंह ने दो बार यानी साल 1984 और 1991 में जीत दर्ज की. वहीं दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह राजगढ़ सीट से पांच बार सांसद रहे. लक्ष्मण सिंह ने इस सीट से साल 1994, 1996 , 1998, 1999 और 2004 में जीत दर्ज की.

5 मार्च को राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा राजगढ़ के पचोर में सुबह 8.30 बजे पहुंचेगी. इसके बाद यात्रा सुबह 9.30 बजे सारंगपुर से होते हुए शाजापुर जिले में प्रवेश करेगी. सुबह साढ़े 11 बजे शाजापुर में रोड शो का आयोजन किया जाएगा. दोपहर 12 बजे राहुल गांधी की यात्रा मक्सी पहुंचेगी, राहुल गांधी यहां एक स्कूल में लंच करेंगे और विद्यार्थियों से संवाद करेंगे.इसके बाद ये यात्रा उज्जैन शहर में प्रवेश कर जाएगी.

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बाबा महाकाल की नगरी में यात्रा की एंट्री

6 मार्च को उज्जैन के कायथा और विजयगंज होते हुए उज्जैन शहर में यात्रा प्रवेश करेगी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी महाकाल मंदिर में बाबा महाकाल के दर्शन करेंगे. उज्जैन में एक रोड शो का आयोजन में किया जाएगा. राहुल गांधी उज्जैन के गांव इंगोरिया में रात्रि विश्राम करेंगे.

उज्जैन लोकसभा सीट के इतिहास पर नजर डालें तो बीजेपी का पलड़ा भारी लगता है. पिछले दो लोकसभा चुनाव यानी साल 2014 और 2019 में बीजेपी के उम्मीदवार जीतकर आए. उज्जैन से वर्तमान सांसद बीजेपी के अनिल फिरोजिया हैं.उज्जैन लोकसभा सीट से सबसे ज्यादा चुनकर आने वाले सांसद भी बीजेपी से ही हैं. बीजेपी नेता सत्यनारायण जटिया कुल सात बार चुनकर आए. साल 1980, 1989, 1991, 1996,1998,1999 और 2004 में चुनकर आए. आखिरी बार इस सीट से कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू साल 2009 में उज्जैन लोकसभा सीट से चुनकर आए थे.

उज्जैन लोकसभा सीट से कांग्रेस की राह मुश्किल लगती है. इस यात्रा के माध्यम से कांग्रेस बाबा महाकाल की नगरी में फिर से अपने पैर जमाना चाहती है. राहुल गांधी बाबा महाकाल के दर्शन करके वे इस बहाने हिंदुत्व को अपनी ओर करने की जुगत में है. भारत जोड़ो न्याय यात्रा से उज्जैन में फिर से कांग्रेस को आशा की किरण दिखाई पड़ती नजर आ रही है. शायद ये संयोग ही हो सकता है कि भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा दोनों में उज्जैन शहर शामिल रहा है.

उज्जैन सीट जीतना बीजेपी के लिए ये नाक बचाने का विषय भी है क्योंकि सीएम मोहन यादव उज्जैन से विधायक हैं और भारत के दूसरे सबसे बड़े सूबे के सीएम भी हैं.

बाबा महाकाल की नगरी से राजा भोज की नगरी में एंट्री

6 मार्च को राहुल गांधी की ये यात्रा उज्जैन के बड़नगर में प्रवेश करेगी.  बड़नगर में राहुल गांधी सुबह 10 बजे रोड शो करेंगे और महिलाओं के साथ संवाद करेंगे.  इसके बाद यात्रा धार जिले में प्रवेश करेगी और सुबह 11.30 बजे बदनावर में जनसभा को संबोधित करेंगे.  इस दौरान कांग्रेस नेता सज्जन वर्मा और विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार राहुल गांधी के साथ रहेंगे.

राजाभोज की नगरी यानी धार की बात करें तो ये लोकसभा सीट कांग्रेस और बीजेपी के पास आती-जाती रही. इस सीट से वर्तमान में सांसद बीजेपी के छतर सिंह दरबार हैं. साल 2014 के चुनाव में इस सीट से सावित्री ठाकुर चुनाव जीतकर आई थीं. आखिरी बार साल 2009 में कांग्रेस से गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने जीत दर्ज की थी. बीजेपी के छतर सिंह दरबार ने इस सीट से तीन बार जीत दर्ज की है यानी साल 1996, 2004 और 2019.

सेव नगरी रतलाम में एंट्री

धार से होते हुए ये यात्रा रतलाम जिले में प्रवेश करेगी. रतलाम को रतलामी सेव के लिए जाना जाता है. इस जिले में सबसे पहले ये यात्रा सैलाना पहुंचेगी. इसके बाद रतलाम शहर पहुंचेगी. जहां से भारत जोड़ो न्याय यात्रा राजस्थान में प्रवेश कर जाएगे.

रतलाम लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए काफी सुरक्षित सीट रही है. इस लोकसभा सीट से बीजेपी ने मात्र दो बार जीत दर्ज की है. साल 2014 में दिलीप सिंह भूरिया ने बीजेपी की टिकट से चुनाव जीता था. दिलीप सिंह भूरिया की साल 2015 में मृत्यु हो गई. इसके बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए. इस उपचुनाव में कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया चुनाव जीते.  इससे पहले दिलीप सिंह भूरिया ने कांग्रेस की टिकट से पांच बार यानी साल 1980, 1984,1989, 1991 और 1996 में जीत दर्ज की. कांग्रेस नेता कांतिलाल भूरिया ने पांच बार यानी साल 1998, 1999, 2004, 2009 और 2015 में जीत दर्ज की. वर्तमान में रतलाम लोकसभा सीट से बीजेपी के गुमान सिंह डामोर हैं.

भारत जोड़ो न्याय यात्रा मध्यप्रदेश के जिन इलाकों से होकर गुजरेगी, वहां लोकसभा चुनाव का इतिहास देखें तो बीजेपी का पलड़ा भारी दिख रहा है. कांग्रेस को चुनाव जीतने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी. इस यात्रा के सहारे कांग्रेस फिर से लोगों के बीच पैठ जमाना चाहती है. अपनी खोई हुई राजनीतिक पृष्ठभूमि को फिर से पाने के लिए इस यात्रा के बहाने कार्यकर्ताओं में जान फूंकना भी है.

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