MP News: ‘POK हमारा है, कश्यप ऋषि के नाम पर बना है कश्मीर’ POK को लेने पर बोले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद
![Astrologer Peethadhishwar Jagadguru Shankaracharya Swami Avimukteshwaranand Maharaj spoke to the media in Gwalior.](https://vistaarnews.com/wp-content/uploads/2024/05/Untitled-design-2024-05-21T110435.919.png)
ग्वालियर में ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज नें मीडिया से बात की.
गाय को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग
POK को बताया भारत का हिस्सा
वहीं राम मंदिर को लेकर स्वामी नें कहा जब मंदिर बना ही नही तो प्रतिष्ठा कैसी…अभी मंदिर नही बना है, जब मंदिर बन जाएगा तब प्राण प्रतिष्ठा होगी. सरकार से कोई पूछता नही कि मंदिर बना नही तो प्राण प्रतिष्ठा कैसे होगी. इसके अलावा उन्होंने BJP द्वारा POK को लेने पर कहा कि वैसे तो पाकिस्तान ही हमारा है, पहले बटवारा गलत कर दिया, वहां हमारे मंदिर, हिन्दू सब है तो क्यों बाट दिया. POK हमारा है, जबकि कश्मीर कश्यप ऋषि के नाम पर बना है. उत्तराखंड की यात्रा पर उनका कहना था कि श्रद्धलुओं की संख्या बढ़ रही है, लेकिन उत्तराखंड सरकार व्यवस्था बना नही पा रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर युद्ध हमने सुना है कि हमारे PM ने 23 देशों को कह कर युद्ध बंद करवा दिए हैं.
ये भी पढ़े: भिखारियों को दिए भीख तो पहुंच जाएंगे जेल, इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने दिया आदेश
राम आ गए हैं तो गौ हत्या बंद होना चाहिए
वहीं बीजेपी के 400 पार पर स्वामी का कहना है कि, जिस का डंका बज रहा है, तो 543 का नारा देना चाहिए था. उनको पता है कि 143 हमको नही मिलेगी, लक्ष्य 543 रखना था अबकी बार विपक्ष बाहर..संविधान खत्म करने की बात पर कहा कि संविधान खत्म नहीं होगा. संशोधन होते हैं. चुनाव कभी न हो ऐसा संशोधन कैसे हो सकता है. ये सब डराने के हथकंडे है, वन नेशन वन इलेक्शन, सुनने में अच्छा लगता है. मथुरा की बात की जाना चाहिए, राम आ गए हैं तो गौ हत्या बंद होना चाहिए, लेकिन हुआ नहीं. एक सवाल पर जवाब में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि अभी तक देश में ऐसा कोई भी राजनीतिक दल सामने नहीं आया है, जिसने दृढ़ता के साथ गो हत्या पर प्रतिबंध लगाने की बात घोषणा पत्र में की हो. सभी दल राजनीतिक हथकंडे अपनाने के लिए गोमाता को इस्तेमाल करते हैं, लेकिन उसके मांस के निर्यात पर रोक नहीं लगाते. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारें गो मांस निर्यात करने वालों से चंदा लेती है.