MP News: कूनो से ग्वालियर पहुंची मादा चीरा वीरा, भवरपुरा के गांव में बकरियों का किया शिकार, ग्रामीणों में दहशत

MP News: गांव में चीता आने से लोगों में दहशत है. ग्रामीण घर से अकेले नहीं निकल रहे हैं और झुंड में खेतों की ओर जा रहे है.
Cheetah attacked the goats of Dharamveer Gurjar who was grazing goats, in which three goats were injured.

चीता ने बकरी चरा रहे धर्मवीर गुर्जर की बकरियों पर हमला कर दिया, जिसमें तीन बकरियां घायल हो गई.

MP News: ग्वालियर के श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क से मादा चीता वीरा ग्वालियर आ गई है. चीता वीरा ग्वालियर-मुरैना की सीमा पर बसे भंवरपुरा के बाग वाला गांव पहुंच गई है. शनिवार को चीता ने तीन बकरियों का शिकार किया. एक बकरी को जंगल में खींचकर ले गई. चरवाहे की नजर चीता पर पड़ी, वह भागा और सरपंच को जानकारी दी, जिसके बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे तो खेत की मेढ़ पर पेड़ की छांव में चीता वीरा बकरी को खाती नजर आई. वहीं पास में दो बकरियां घायल पड़ी थी. गांव में चीता आने से लोगों में दहशत है. ग्रामीण घर से अकेले नहीं निकल रहे हैं और झुंड में खेतों की ओर जा रहे हैं. वन विभाग भी अलर्ट हो गया है और चीता को पकड़ने के लिए टीमें लगा दी गई हैं.

बकरियों पर अचानक कर दिया हमला

बता दें कि, मादा चीता वीरा कूनो से जंगलों से होते हुए ग्वालियर-मुरैना की सीमा में पहुंची है. शनिवार शाम भंवरपुरा के बाग वाले गांव में वीरा ने दस्तक दी. यहां चीता ने बकरी चरा रहे धर्मवीर गुर्जर की बकरियों पर हमला कर दिया, जिसमें तीन बकरियां घायल हो गई, इनमें से एक को मारकर चीता घसीटकर जंगल किनारे खेत में ले गई. धर्मवीर गुर्जर ने गांव के सरपंच शिव सिंह गुर्जर के पास पहुंचा और जानकारी दी.

ये भी पढ़ें: कार्यकर्ताओं ने चुनाव में कितना दिया साथ? कांग्रेस की बैठक में सोनिया-राहुल के करीबी को बताएंगे दिग्विजय और भूरिया

एक घंटे बाद पहुंची वन विभाग की टीम

सूचना मिलने के करीब एक घंटे बाद ग्वालियर से वन विभाग के रेंजर अंकित पाण्डे, रेंजर शैलेन्द्र गुर्जर, रेंजर मोहना सचिन गुप्ता समेत अन्य स्टाफ घटनास्थल पर पहुंचे. वन विभाग की टीम रेस्क्यू नहीं कर पाई. चीता वीरा मेढ़ पर बैठी रही. डीएफओ और सीसीएफ ने वीरा को पकड़कर वापस कूनो पहुंचाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं. भंवरपुरा व आसपास के गांव में दहशत का माहौल है. बाग वाले गांव में लोग खेतों पर ग्रुप में जा रहे हैं. खेतों पर मवेशी भी होते हैं. उनकी रक्षा के लिए गांव वाले डंडे लेकर पहरा दे रहे हैं, क्योंकि आचार संहिता के चलते गांव के सभी लाइसेंसी हथियार थानों में जमा हैं.

ज़रूर पढ़ें