MP News: Gwalior सहित MP के कई जिलों में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लगी लाइन… जानिए वजह
MP News: ग्वालियर सहित मध्य प्रदेश के कई जिलों में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए लम्बी लंबी लाइने लग रही हैं… दरअसल इस समय स्कूलों में एडमिशन चल रहे हैं और पालकों को बच्चों के आधार कार्ड भी बनवाने हैं, लेकिन बिना जन्म प्रमाण पत्र के यह काम हो नहीं सकता.. सिर्फ इतना ही नहीं मैरिज सर्टिफिकेट और मृत्यु प्रमाण की लोगो कही न कही जरूरत पड़ती है और इसको लेकर आम लोग आपको दफ्तरों के चक्कर काटते हुए मिल जाएंगे और ऐसा ही नजर आजकल ग्वालियर में देखने को मिल रहा है.
प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशान हो रहें लोग
ग्वालियर के रहने वाले अनिल सिंह राजावत और आलोक शर्मा पिछले कई दिनों से नगर निगम के जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र विभाग में चक्कर लगा रहे हैं आलोक शर्मा अपने पिताजी का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने आए हैं तो अनिल सिंह राजावत पिछले कई दिनों से अपने बेटे का जन्म प्रमाण पत्र के लिए परेशान हो रहे हैं. सिर्फ इतना ही नहीं कई नव दंपति अपना मैरिज सर्टिफिकेट बनवाने के लिए बार-बार चक्कर लगा रहे हैं. ये लोग जब भी नगर निगम के ऑफिस पहुंचते है. हर बार यही जवाब मिलता है कि वेबसाइट पर काम चल रहा है इसलिए अभी नहीं बन पाएगा. इन आवेदकों की परेशानी देख जब हमने इसका कारण जानना चाहा तो बताया गया कि ये परेशानी केवल ग्वालियर में नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के इंदौर जबलपुर जैसे कई बड़े जिलों में देखने को मिल रही है.
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ग्वालियर में 800 से अधिक प्रमाण पत्र पेंडिग
दरअसल जन्म मृत्यु और मैरिज सर्टिफिकेट सांख्यिकी विभाग के द्वारा बनाए जाते हैं और जिस वेबसाइट पर डाटा अपलोड होकर सर्टिफिकेट बनाया जाता है. उस पर अपग्रेडेशन का काम चल रहा है इसलिए पिछले एक महीने से यहां पर जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र सहित मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बन पा रहे हैं इसलिए लोग पिछले एक महीने से रोज चक्कर काट रहे हैं और हालात यह है कि विभाग में 800 से अधिक प्रमाण पत्रों की पेंडेंसी पहुंच चुकी है.
विभाग के अधिकारियों का तर्क- वेबसाइट को अपग्रेड से धीमी हुई रफ्तार
विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों का कहना है की रोज बड़ी संख्या में प्रमाण पत्र बनाए थे, लेकिन जब से वेबसाइट को अपग्रेड करने का काम शुरू हुआ है तब से दिन में दो-तीन ही प्रमाण पत्र बन पाते हैं. आवेदकों कहना है कि जब वेबसाइट को अपग्रेड करना था तो प्रमाण पत्र जारी करने के वैकल्पिक इंतजाम करने चाहिए थे. किसी के बच्चे का एडमिशन नहीं हो पा रहा तो कोई पेंशन के लिए परेशान हो रहा है. कोई मैरिज सर्टिफिकेट ना बन पाने से विदेश नहीं जा पा रहा, तो किसी के बैंक का काम अधूरा पड़ा है. एक जुलाई से पहले ज्यादातर जिलों में बच्चों के स्कूल खुल जाते हैं ऐसे में जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड न बनने से पालकों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है.