Lok Sabha Election: ग्वालियर सीट से कौन होगा बीजेपी का उम्मीदवार? बीजेपी करा रही रायशुमारी, जानें यहां कितने दावेदार?

Lok Sabha Election: ग्वालियर पहुंचे भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश सरकार में मंत्री प्रहलाद पटेल ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की.
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ग्वालियर पहुंचे मंत्री प्रहलाद पटेल

Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी चयन के लिए बीजेपी ने रायशुमारी शुरू कर दी है. ग्वालियर में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मंत्री प्रहलाद पटेल राय शुमारी करने पहुंचे तो उन्हें कई दिग्गजों के नाम सुझाए गए. इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम सबसे ऊपर बताया गया है. ग्वालियर में बीजेपी का टिकट किसे मिलेगा, इसे लेकर पार्टी ने फाइनल स्तर पर काम करना शुरू कर दिया है. ग्वालियर पहुंचे भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश सरकार में मंत्री प्रहलाद पटेल ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और संभावित प्रत्याशियों के नाम की पर्चियां मांगी. ज्यादातर कार्यकर्ताओं की पहली पसंद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बताए जा रहे हैं. उनके बाद जयभान सिंह पवैया और नरोत्तम मिश्रा का नाम भी सामने आया है. रायशुमारी के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं का बैकग्राउंड, पुराना अनुभव, पार्टी में योगदान और जातीय समीकरण पर भी मंथन करेगी.

यह रुटीन प्रक्रिया- पटेल

रायशुमारी करने आये मंत्री प्रहलाद पटेल का कहना है कि यह हमारी पार्टी की नियमित और रुटीन प्रक्रिया है क्योंकि भाजपा लोकतांत्रिक राजनीतिक पार्टी है. सबसे राय मशविरा करते हैं. यह सब अनुशासन में होता है. रायशुमारी के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं का बैकग्राउंड, पुराना अनुभव, पार्टी में योगदान और जातीय समीकरण पर भी मंथन करेगी. वर्तमान सांसद विवेक शेजवलकर कहते हैं कि उनकी पार्टी सदैव ही युवाओं को आगे बढ़ाती है. वरिष्ठ नेताओं के समन्वय के आधार पर काम करती है. इसी कारण हमारीं पार्टी निरन्तर आगे बढ़ रही है.

इन नामों की ज्यादा चर्चा

ज्योतिरादित्य सिंधिया: अभी राज्यसभा सांसद हैं. केंद्र की बीजेपी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं. ग्वालियर और चंबल संभाग में अच्छी पकड़ है.

मजबूत पक्ष: केंद्रीय मंत्री और राजशाही अंदाज छोड़कर जनता में अपनी छवि मिलनसार नेता के रूप में बनाई. उनके नेतृत्व में ग्वालियर में नया एयरपोर्ट बना, एलिवेटेड रोड के विकास में प्रयास, रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण का कार्य, सैकड़ों करोड़ के विकास कार्य की बजट में स्वीकृति आदि उनके खाते में हैं.

कमजोर पक्ष: जातीय समीकरण में कमजोर, लोकसभा क्षेत्र में मराठा समाज की संख्या कम, टिकट मिलने पर बीजेपी के पुराने नेता भीतरघात कर सकते हैं. बीजेपी के मूल कार्यकर्ता अभी भी दूर हैं, अपने पुराने समर्थकों से घिरे रहते हैं.

2.यशवंत इंदापुरकर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ता हैं. आरएसएस में कई पदों पर रह चुके हैं.

मजबूत पक्ष: संघ पृष्ठभूमि के है. तीन पीढिया संघ को समर्पित रहीं. संघ में महत्वपूर्ण दायित्व निभा चुके यशवंत अब तक मध्यभारत प्रान्त के सह कार्यवाह जैसे पद पर थे. इसी माह मुरैना में सर संघ चालक मोहन भागवत की मौजूदगी में घोषित कार्यकारिणी में उन्हें इस दायित्व से मुक्त किया गया है. तभी से उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें लगना शुरू हुई. कार्यकर्ताओं में अच्छी पकड़ है. सरल,सहज और मिलनसार है. यशवंत इंदापुरकर के पिता सत्ता और संगठन के अनेक पदों पर रह चुके हैं.

कमजोर पक्ष: जातिगत राजनीति की समझ नहीं. महाराष्ट्रीयन वोट ज्यादा नहीं. ग्रामीण क्षेत्रों के लिए नया नाम होगा, निजी स्तर का कोई बड़ा जनाधार नही.

3.जयभान सिंह पवैया: बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार के दौरान मंत्री पद रह चुके हैं.

मजबूत पक्ष: हिंदुत्व छवि के नेता और बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं. उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए अकादमिक शिक्षा को बेहतर बनाया. पार्टी कार्यकर्ताओं का समर्थन और क्षत्रिय समाज का बड़ा वोट बैंक. माधवराव सिंधिया जैसे दिग्गज नेता से कड़ा मुकाबला किया. अटल बिहारी वाजपेयी जैसे बड़े नेता को हराने वाले माधवराव सिंधिया को पवैया की वजह से ग्वालियर सीट छोड़नी पड़ी. ग्वालियर से सांसद रहे हैं. बेदाग नेता की छवि. राष्ट्रवादी छवि और राम मंदिर आंदोलन के बड़े नेता रहे हैं.

कमजोर पक्ष: जनता में संपर्क कमजोर है. सख्त मिजाज सिंधिया समर्थकों में विरोध झेल सकते है. निचले तबके के मतदाताओं से दूरी.

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4.नरोत्तम मिश्रा: बीजेपी सरकार में गृहमंत्री रह चुके हैं. ग्वालियर के डबरा से विधायक रह चुके हैं.

मजबूत पक्ष: दतिया में कई विकास कार्य कराए. डबरा से विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी जनता के बीच लोकप्रिय. ब्राह्मण समाज का बड़ा वोट बैंक. समर्थन और विरोधियों को अपने पाले में लाने में माहिर. जातीय समीकरण के अनुभवी नेता. लोगों की मदद करने में आगे रहते हैं.

कमजोर पक्ष:  ग्वालियर की जनता से प्रत्यक्ष संपर्क नहीं. गृहमंत्री के दौरान कार्यशैली से लोग नाराज,बातचीत की शैली में विनम्रता नहीं.

5.विवेक शेजवलकर: ग्वालियर से सांसद हैं. विवेक शेजवलकर के पिता नारायण कृष्ण राव शेजवलकर भी ग्वालियर सीट से सांसद रहे चुके हैं.

वर्तमान पक्ष: वर्तमान सांसद विवेक शेजवलकर है. यह सहज, मृदुभाषी है, कार्यकर्ताओं में अच्छी पकड़, पिता बड़े नेता और सांसद रहे इसलिये पूरे संसदीय क्षेत्र में अच्छी पैठ है.

कमजोर पक्ष: उम्र 70 साल पार कर चुके हैं. लोगों काम न करा पाना भी एक बड़ी कमजोरी है.

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