भोपाल: मध्य प्रदेश में आचार संहिता लागू होने के बाद राज्य सरकार ने चुनाव आयोग को एमपी पुलिस की जिम्मेदारी सौंप दी है. अब चुनाव आयोग ही मध्य प्रदेश के पुलिस अफसर की पोस्टिंग और ला एंड ऑर्डर की मॉनिटरिंग करेगा. गृह विभाग में डीजीपी, आईजी सहित सभी पुलिस अफसर को इलेक्शन कमिशन आफ इंडिया को हैंडओवर कर दिया है.
राज्य में लोकसभा चुनाव कराने के लिए पुलिस की अहम भूमिका होती है. इसी लिहाज से राज्य सरकार ने आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव आयोग को पुलिस के सभी अफसरों को आयोग के अंतर्गत प्रतिनियुक्ति पर भेजा है. मध्य प्रदेश में संवेदनशील और अति संवेदनशील इलाकों में शांतिपूर्ण मतदान करने के लिए चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है राज्य सरकार ने आचार संहिता लागू होने के बाद अधिकारियों की जिम्मेदारी भारत निर्वाचन आयोग को दे दी है. आचार संहिता लागू होने के बाद राज्य की सीमाओं में पुलिस की तैनाती होगी जिससे एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रलोभन देने वाली सामग्रियों का आदान-प्रदान न हो सके इसके अलावा शराब की तस्करी और हवाला के काले कारोबार पर भी लगाम लगाई जा सके चुनाव आयोग की मॉनिटरिंग में ही अधिकारियों की ड्यूटी होगी. चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि मध्य प्रदेश से जुड़ी हुई सीमाओं के जिलों के बॉर्डर पर पुलिस की तैनाती होगी. मध्य प्रदेश से सटे हुए महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ की सीमाओं में पुलिस बल की तैनाती की जाएगी.
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हर जिले और संवेदनशील इलाकों में पुलिस करेगी गश्त और अपराधियों की धरपकड़
पिछले दिनों मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि सभी जिलों में पुलिस की पेट्रोलिंग बेहतर हो सके. इसके अलावा संवेदनशील इलाकों में पुलिस को गश्त करने के लिए निर्देश दिए थे. साथ ही फरार वारंटी अपराधियों की धरपकड़ करने के लिए भी कहा गया है. पुलिस मुख्यालय ने हाल ही में चुनाव आयोग को जानकारी भेजी थी कि मध्य प्रदेश में अपराध करने के बाद करीब 6 हजार से अधिक अपराधी दूसरे राज्यों में शरण ले रहे हैं. इस जानकारी के बाद चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों को जानकारी भेजी है. आरोपियों की गिरफ्तारी के संबंध में भी निर्देश दिए गए हैं.