MP News: सिंगरौली में इंडस्ट्रियल प्रदूषण से हवा-पानी हो रही खराब, कार्रवाई करने के लिए पॉल्यूशन बोर्ड के पास नहीं हैं वाहन
MP News: सिंगरौली को मध्य प्रदेश की ऊर्जा राजधानी कहा जाता है. यहां कई ऊर्जा उत्पादन इकाइयां हैं जिनसे प्रदूषित पानी और धुआं छोड़ा जाता है. इस कारण सिंगरौली भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल है. इनके साथ ही कई औद्योगिक इकाइयां हैं जिन पर कार्रवाई में नरमी बरती जा रही है.
750 ऐसे उद्योग जिन पर कार्रवाई नहीं
जिले में लघु, मध्यम तथा बड़े आकार के 750 के लगभग ऐसे उद्योग संचालित हैं जो सीधे-सीधे क्षेत्र में जल तथा वायु को प्रदूषित करने के लिए जिम्मेदार हैं. पर्यावरणीय नियमों के पालन में लापरवाही कर क्षेत्र को दूषित कर रहे हैं, वैसे उद्योगों पर नकेल कसने की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सिंगरौली के अधिकार क्षेत्र में आता है. अगर देखा जाए तो मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सिंगरौली के पास अधिकार तो बहुत हैं लेकिन उद्योगों की संख्या को देखते हुए संसाधन व श्रम बल(मैनपॉवर) बहुत कम है.
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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सिंगरौली विभाग में वाहन न होने के कारण प्रयोगशाला अधिकारी व तकनीकी शाखा अधिकारी उद्योगों की जांच नियमित रूप से नहीं कर पा रहे हैं. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए दिनांक 15 अक्टूबर 2024 को मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भोपाल ने सिंगरौली प्रयोगशाला शाखा को वाहन खरीदने के लिए लगभग 22 लाख रुपए स्वीकृत करते हुए क्षेत्रीय अधिकारी सिंगरौली संजीव मेहरा को वाहन क्रय करने का आदेश जारी किया है.
वाहन न होने से कार्रवाई पर असर
क्षेत्रीय अधिकारी संजीव मेहरा की सुस्त कार्य प्रणाली के कारण आज तक उक्त वाहन की खरीदी नहीं की जा सकी. जिसका खामियाजा विभाग के जांच अधिकारियों को भुगतना पड़ रहा है. प्रयोगशाला शाखा के वैज्ञानिक तथा तकनीकी शाखा के अधिकारियों का कहना है कि विभाग में सिर्फ एक ही वाहन है. जिसे क्षेत्रीय अधिकारी उपयोग करते हैं. विभाग में कोई अतिरिक्त वाहन न होने के कारण, आम लोगों से शिकायत मिलने के बावजूद भी हम लोग चाह कर भी प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों की जांच नहीं कर पा रहे हैं.