MP News: उज्जैन में लोगों से रिश्वत मांगने से पहले सरकारी कर्मचारी या अधिकारियों को सौ बार सोचना होगा. क्योंकि अब रिश्वत मांगना आसान नहीं रह गया है. बता दें कि उज्जैन लोकायुक्त विभाग द्वारा लोगों को सतर्क और मदद करने के लिए पोस्टर लगाए गए हैं.
दरअसल, उज्जैन शहर और जिले में सरकारी कार्यालयों में कार्य करने के बदले लगातार रिश्वत मांगी जा रही थी. उज्जैन लोकायुक्त द्वारा रिश्वत लेने के मामले में कई कर्मचारियों और अधिकारियों को ट्रैप कर रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है. सरकारी विभागों में रिश्वत लेने के मामले में कई बार फरियादी को लोकायुक्त के संबंध में अधिक जानकारी नहीं होने के कारण भी शिकायत नहीं हो पाती है और कई मामलों में लोग शिकायत करना चाहते हैं लेकिन लोकायुक्त तक पहुंच नहीं पाते हैं. इसी क्रम में आम लोगों की मदद करने एवं सरकारी विभागों में रिश्वत नहीं देने के संबंध में उज्जैन लोकायुक्त विभाग द्वारा शहर एवं जिले के अनेक शासकीय कार्यालयों, बैंक, सरकारी अस्पताल एवं आम स्थानों पर रिश्वत नहीं देने से संबंधित पोस्टर लगाए गए हैं.
ये भी पढ़ेंः कैबिनेट बैठक के बाद कभी भी हो सकती है प्रशासनिक सर्जरी, अधिकारियों के विभाग में हो सकता है बदलाव
उज्जैन में लगे इन पोस्टरों में स्पष्ट लिखा गया है कि यदि किसी शासकीय अधिकारी, कर्मचारी द्वारा वैध शासकीय कार्य करने हेतु आपसे रिश्वत या उपहार की मांग की जाती है तो रिश्वत न दें और रिश्वत लेने वाले को पकड़वायें. इन पोस्टरों में तीन मोबाइल नंबरों के साथ शिकायत नंबर भी दिया गया है. उज्जैन लोकायुक्त की टीम द्वारा सरकारी कार्यालयों के अलावा अन्य ऐसे विभाग जहां आम लोगों से काम करने के लिए रुपए की मांग की जाती है उनपर कार्रवाई की जाती है. लोकायुक्त द्वारा पुलिस कर्मियों और पंचायत सचिवों पर भी रिश्वत लेने की कार्रवाई की गई है. उज्जैन लोकायुक्त द्वारा पूरे उज्जैन संभाग में छापा मारा जाता है, जिसमें लोकायुक्त के अधिकारी एवं पुलिसकर्मी कार्रवाई करते हैं.
ये भी पढ़ेंः ‘मणिपुर शांति की राह देख रहा’, RSS प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान, बोले- कलह उपजा या उपजाया गया?
उज्जैन लोकायुक्त अधिकारी ने बताया कि रिश्वत के कई ऐसे मामले होते हैं, जिसमें लोग सीधे शिकायत करने नहीं आते हैं. ऐसे में शिकायत नंबर पर फोन करने पर शिकायतकर्ता को पूरी तरह संतुष्ट कर कार्रवाई की जाती है. शहर एवं जिले में पोस्टर लगाने का मकसद भी यही है कि अधिक से अधिक लोग जागरुक हों सकें और अपने किसी भी कार्य के लिए सरकारी कार्यालय में रिश्वत या उपहार न दें.