मध्य प्रदेश में दशहरा पर होगा शस्त्र पूजन कार्यक्रम, इंदौर-महेश्वर के विशेष कार्यक्रम नें हिस्सा लेंगे सीएम मोहन यादव

लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर भारतीय इतिहास की एक महान शासक और समाज सुधारक थीं, जिन्होंने लोगों के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए. उनकी 300वीं जयंती पर इस शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन न केवल उनकी स्मृति को सम्मान देने के लिए किया जा रहा है बल्कि  महिला सशक्तिकरण का प्रतीक भी माना जा रहा है.
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शस्त्र पूजन करते सीएम मोहन यादव

MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने इस वर्ष दशहरा पर्व के अवसर पर पूरे प्रदेश में विशेष शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन करने का निर्णय लिया है. यह आयोजन लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के मौके पर होगा. इसे नारी शक्ति और सुशासन को समर्पित किया गया है. इस कार्यक्रम के दौरान सीएम मोहन यादव इंदौर और महेश्वर में शस्त्र पूजन करेंगे. 

लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती 

लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर भारतीय इतिहास की एक महान शासक और समाज सुधारक थीं, जिन्होंने लोगों के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए. उनकी 300वीं जयंती पर इस शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन न केवल उनकी स्मृति को सम्मान देने के लिए किया जा रहा है बल्कि  महिला सशक्तिकरण का प्रतीक भी माना जा रहा है. सीएम मोहन यादव ने इस अवसर पर कहा कि देवी अहिल्याबाई ने अपने शासनकाल में देशभर में कई लोकहितकारी कार्य किए हैं, जिनकी याद में यह आयोजन किया जा रहा है. 

शस्त्र पूजन की प्राचीन परंपरा की वापसी 

भारत में शस्त्र पूजन की परंपरा आदि काल से चली आ रही है, जो शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक मानी जाती है. इस परंपरा को फिर से शुरु करते हुए सीएम ने कहा कि राज्य के सभी मंत्री, सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्रों में इस कार्यक्रम में शामिल होंगे. प्रत्येक जिले के पुलिस शस्त्रागार, थानों और पुलिस चौकियों में शस्त्र पूजन समारोह आयोजित किया जाएगा. इस आयोजन को व्यापक रूप से मनाने के लिए सरकार ने इसे केवल एक विभाग तक सीमित न रखते हुए आम जनता का उत्सव बनाने का निर्णय लिया है.

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इंदौर और महेश्वर में विशेष शस्त्र पूजन

सीएम मोहन यादव स्वयं इंदौर और महेश्वर में शस्त्र पूजन करेंगे. इंदौर, जो लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की कर्मभूमि रही है, इस आयोजन के केंद्र में रहेगा. महेश्वर, जो अहिल्याबाई का शासनकाल और उनके धार्मिक और सामाजिक कार्यों का प्रमुख स्थल रहा है, वहां भी शस्त्र पूजन की विशेष व्यवस्था की गई है.

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