Bhopal: राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय यानी आरजीपीवी में हुए भ्रष्टाचार केस के फरार चल रहे तत्कालीन कुलपति प्रो. सुनील कुमार को पुलिस ने रायपुर से गिरफ्तार कर लिया. गांधी नगर पुलिस थाना में 3 मार्च को केस दर्ज होने के बाद से वह फरार चल रहे थे. प्रो. कुमार की गिरफ्तारी की पुष्टि भोपाल पुलिस कमिश्नर हरीनारायण चारी ने की है. प्रो. सुनील कुमार की गिरफ्तारी के बावजूद इस मामले में तत्कालीन रजिस्ट्रार आरएस राजपूत और रिटायर फाइनेंस कंट्रोलर ऋषि केश वर्मा की गिरफ्तारी शेष है. यूनिवर्सिटी के दोनों अफसर बीते एक महीने से फरार चल रहे हैं.
भोपाल पुलिस कमिश्नर दफ्तर के अफसरों ने बताया कि यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कुलपति प्रो. सुनील कुमार, रायपुर मैं डीडी नगर थाना क्षेत्र के तहत अपने एक परिचित फ्लैट में छुपे हुए थे. पुलिस लगातार प्रो. कुमार की लोकेशन ट्रेस कर रही थी. पुलिस को बुधवार को सुनील कुमार की लोकेशन रायपुर में मिली थी. इसके चलते पुलिस की एक टीम को रायपुर भेजा गया था. उसी टीम ने रायपुर में तत्कालीन कुलपति को गिरफ्तार किया है.
यह है पूरा मामला
राजधानी के आरजीपीवी में बीते दिनों चल रहे आर्थिक भ्रष्टाचार के विरोध में अभाविप ने प्रदर्शन किया था, जिसके बाद आरोपियों की जांच के बाद पोल खुली. आरोपियों में तत्कालीन कुलपति प्रो. सुनील कुमार गुप्ता, कुलसचिव सुनील कुमार सहित 5 लोगों के नाम थे. मामले की एफआईआर गांधीनगर पुलिस को होने के बाद पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया. इन पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है, क्योंकि कुछ आरोपी प्रदेश से बाहर भाग गए तो, कुछ देश छोड़ विदेश भाग निकले.
ABVP लगातार कर रही थी विरोध प्रदर्शन
राजीव गाँधी प्रौधोगिकी विश्वविद्यालय भोपाल में हुए करीब 20 करोड़ रुपए के आर्थिक भ्रष्टाचार के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (अभाविप) लगातार आंदोलनर कर रही है. अभाविप के आन्दोलन के फलस्वरूप गठित जांच समिति द्वारा की गई. प्रारभिक रिपोर्ट में विश्वविद्यालय में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार एवं आर्थिक अनियमितता उजागर हुई है. उक्त जांच रिपोर्ट के संदर्भ में अभाविप की मांग के चलते उक्त भ्रष्टाचार में लिप्त दोषियों के विरुद्ध विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा भोपाल जिले के अंतर्गत आने वाले गाँधी नगर पुलिस थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट क्रमांक 0057/2024 दिनांक 03/03/2024 को गंभीर धाराओं के अंतर्गत दर्ज कराई गई है.
इतनी गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज होने के एक माह के उपरांत भी पुलिस-प्रशासन प्रमुख आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होना यह केवल आश्चर्यजनक ही नहीं अपितु न्यायिक व्यवस्था पर भी प्रश्न खड़ा करता है. उक्त मामले को संज्ञान में लेकर दोषियों के विरुद्ध उचित कार्यवाही करने के लिए अपराधियों को तत्काल गिरफ्तार करने आज अभाविप ने भोपाल के जन प्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपा.
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भोपाल के तीन बड़े नेताओं को सौंपा ज्ञापन
ABVP के कार्यकर्ताओं ने विश्वास सारंग, भगवान दास सबनानी और रामेश्वर शर्मा को इस मामले में ज्ञापन सौंपा एवं आरोपियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाने की मांग की है.
पुलिस प्रशासन के सुस्त रवैये पर खड़े हो रहे प्रश्न चिंह
अभाविप का कहना है कि पुलिस सख्त कार्रवाई करें और दोषियों पर सजा मिले, अगर इस प्रकार से पुलिस प्रशासन सुस्त रवैये से काम करेगा तो, अभाविप उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी. अभाविप की मांग के चलते उक्त भ्रष्टाचार में लिप्त दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा भोपाल जिले के अंतर्गत आने वाले गांधी नगर पुलिस थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट को गंभीर धाराओं के अंतर्गत दर्ज कराई गई है. लेकिन गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज होते हुए भी पुलिस प्रशासन द्वारा एक भी प्रमुख आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.