MP News: एमिटी यूनिवर्सिटी की तानाशाही से छात्र की मौत, डेंगू होने के बाद भी नहीं दी छुट्टी
MP News: साल की लाखों रुपए फीस देने की बावजूद छात्र को जिंदगी बचाने के लिए एक दिन की छुट्टी भी ना मिले तो क्या आप अपने स्टूडेंट को वहां पढ़ाएंगे… ये कारनामा देश की नामी गिरामी एमिटी यूनिवर्सिटी में हो रहा है क्योंकि यूनिवर्सिटी के तानाशाही रवैया से एक छात्र की डेंगू से जान चली गई. डेंगू होने के बाद फार्मेसी का छात्र विश्वविद्यालय से छुट्टी मांगता रहा, लेकिन यूनिवर्सिटी ने उसे छुट्टी नहीं दी और समय पर इलाज न मिलने के कारण उसने दम तोड़ दिया.
ग्वालियर की एमिटी यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले बी फार्मा का छात्र आदित्य सिंह राजपूत की डेंगू से मौत के बाद विश्वविद्यालय में हंगामा हो रहा है और ये छात्र इसलिए गुस्से में है और ये आरोप लगा रहे हैं कि इनके साथ पढ़ने वाला आदित्य जिंदगी जीने के लिए छुट्टी मांगता रहा, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने डेंगू होने के बावजूद उसे छुट्टी नहीं दी. आदित्य के दोस्तों ने बताया कि बिलासपुर का रहने वाला छात्र आदित्य सिंह राजपूत ग्वालियर की एमिटी यूनिवर्सिटी में फार्मेसी फाइनल ईयर का स्टूडेंट था वह शहर के दीनदयाल नगर में किराए से रहता था.वह पिछले 6 दिन से बीमार था लेकिन अटेंडेंस शॉर्ट ना हो जाए, इस डर से लगातार कॉलेज आता रहा उसने कॉलेज प्रशासन से इलाज करने के लिए छुट्टी भी मांगी, लेकिन एमिटी यूनिवर्सिटी ने छुट्टी देने से इनकार कर दिया.
छात्र की मौत को लेकर तानाशाह विश्वविद्यालय प्रशासन पूरी तरह से पल्ला झाड़ रहा है. प्रो वाइस चांसलर वीके शर्मा का कहना है कि छात्र आदित्य सिंह राजपूत ने कभी नहीं बताया कि वह बीमार था और वह लगातार कॉलेज आता रहा वह किराए पर रहता था और अपने दोस्तों के साथ बाहर घूमने भी गया था. लेकिन यूनिवर्सिटी के नियम इतने कड़े हैं कि बीमार होने के बावजूद विश्वविद्यालय मेडिकल लीव नहीं देता है.
यूनिवर्सिटी में पढ़ने बाला बी फार्मा का छात्र आदित्य सिंह की मौत के बाद अब यहां पर यूनिवर्सिटी की तानाशाह रवैया को लेकर सभी छात्र विरोध में उतर आए हैं और यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर कार्रवाई की मांग कर रहे है. फार्मेसी के छात्र आदित्य सिंह कि डेंगू से मौत के बाद अब दूसरे छात्र भी डेंगू से डर रहे हैं और इसीलिए वे विश्वविद्यालय से बीमारी के दिनों में छुट्टी मिलने की मांग कर रहे हैं, लेकिन एमिटी यूनिवर्सिटी में इमरजेंसी के दिनों में भी छुट्टी देने का नियम नहीं है जबकि कई विश्वविद्यालय और सरकारी दफ्तरों में मेडिकल लीव मिलती है हंगामा कर रहे छात्रों का यह भी कहना है की एक्सीडेंट होने बीमार होने या घर में किसी का निधन हो जाए तो भी विश्वविद्यालय छुट्टी नहीं देता और अटेंडेंस शॉर्ट कर देता है जिसकी वजह से वह परीक्षा देने से वंचित हो जाते हैं और उन्हें फिर से मोटी रकम चुकानी पड़ती है.
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