Ken-Betwa Project: 25 दिसंबर को होगा भूमिपूजन, पीएम रख सकते हैं नींव, सीएम ने प्रधानमंत्री को दिया न्योता

Ken-Betwa Project: यूपी और एमपी के बीच बहने वाली दो नदियों केन और बेतवा को जोड़ने की परियोजना है. यह बुंदेलखंड की महत्वाकांक्षी परियोजना. इससे दोनों राज्यों को फायदा होगा
PM Modi can perform Bhoomi Pujan of Ken Betwa Project on 25 December

केन-बेतवा प्रोजेक्ट का भूमिपूजन 25 दिसंबर को होगा

MP News: केन-बेतवा परियोजना मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण योजना है. इस परियोजना से बुंदेलखंड क्षेत्र को लाभ मिलेगा. यह बहुप्रतीक्षित परियोजना है. इस परियोजना का भूमिपूजन 25 दिसंबर को किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका भूमि पूजन कर सकते हैं. मुख्यमंत्री ने बुधवार यानी 10 दिसंबर को दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात कर केन-बेतवा परियोजना के भूमि पूजन और फरवरी में होने वाली ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में आने का निमंत्रण दिया है.

पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की कल्पना है

पीएम से मुलाकात के बाद झाबुआ जिले में बीजेपी ऑफिस के भूमि पूजन कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि नदी जोड़ो अभियान की कल्पना अटल जी ने की थी. उसे साकार करने में बड़ी भूमिका प्रधानमंत्री मोदी की है. बता दें कि 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मनाई जाती है. सीएम ने कहा कि ऐसे में उनके जन्मदिन पर उनके द्वारा सोची गई योजना को धरातल पर लाना एक सपने के साकार होने जैसा है.

ये भी पढ़ें: बाणसागर डैम में बने ‘सरसी आईलैंड रिसॉर्ट’ का 14 दिसंबर को उद्घाटन करेंगे CM, शानदार नजारों के साथ वाटर स्पोर्ट्स का लुत्फ उठा सकेंगे टूरिस्ट

‘बुंदेलखंड में पानी का संकट का दूर होगा’

इस परियोजनना के बारे में सीएम ने आगे कहा कि केन-बेतवा नदी जोड़ो मिशन की बड़ी परियोजना है. बुंदेलखंड के लोगों ने ये सपना देखा था. इससे एमपी और यूपी के बुंदेलखंड में पानी का संकट दूर होगा. सीएम ने कहा संभवत: प्रधानमंत्री इस योजना के भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे. उसके पहले पार्वती-काली सिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजना का भी भूमि पूजन होगा.

केन-बेतवा परियोजना के बारे में जानिए

यूपी और एमपी के बीच बहने वाली दो नदियों केन और बेतवा को जोड़ने की परियोजना है. यह बुंदेलखंड की महत्वाकांक्षी परियोजना. इससे दोनों राज्यों को फायदा होगा. इसकी लागत 44 हजार 605 करोड़ रुपये है. इससे बुंदेलखंड में पानी का संकट दूर होगा.

ज़रूर पढ़ें