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MP News: प्रमोशन में आरक्षण मामले में राज्य सरकार ने HC में पेश किया जवाब, नई और पुरानी पॉलिसी में बताया अंतर, 16 सितंबर को अगली सुनवाई

Madhya Pradesh High Court(File Photo)

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट(File Photo)

MP News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में मंगलवार को प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सुनवाई हुई. राज्य सरकार ने न्यायालय में नई और पुरानी पॉलिसी के बीच अंतर बताया. सरकार ने कोर्ट से अंतरिम राहत की मांग की है. याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार ने कोर्ट में अधूरा जवाब पेश किया है. इसके साथ ही क्रीमी लेयर और क्वांटिफायबल डेटा ना होने का भी आरोप लगाया.

नई प्रमोशन पॉलिसी लागू करने की मांग

मध्य प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय में मांग रखी कि प्रमोशन में आरक्षण से जुड़ी नई पॉलिसी लागू की जानी चाहिए. सरकार की अंतरिम राहत वाली मांग पर कोर्ट 16 सितंबर को सुनवाई करेगा. फिलहाल हाई कोर्ट सरकार की अंडरटेकिंग पर रुका है नई पॉलिसी का क्रियान्वयन है.

9 साल से उलझा है मामला

मध्य प्रदेश में प्रमोशन में आरक्षण का मामला 9 साल से उलझा हुआ है. इतने सालों में कई अधिकारी और कर्मचारी बिना प्रमोशन के सेवानिवृत्त हो गए हैं. वहीं संख्या में कर्मचारी-अधिकारी पदोन्नति की राह देख रहे हैं. कोर्ट में मामला, नई और पॉलिसी की वजह से राज्य के कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

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क्या है पदोन्नति में आरक्षण?

पदोन्नति में आरक्षण एक प्रक्रिया है, जिसके तहत अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों को लाभ दिया जाएगा. प्रदेश सरकार ने इसके लिए प्रपोजल भी तैयार कर लिया है और इसके कैबिनेट से मंजूरी भी मिल गई थी. प्रमोशन के लिए दो तरह की लिस्ट तैयार किया जाना था. इसमें क्लास-वन ऑफिसर्स के प्रमोशन का आधार मैरिट-कम-सीनियरिटी को बनाया जाना था. वहीं क्लास-2 के नीचे के सभी अधिकारियों की लिस्ट सीनयरिटी-कम-मैरिट के आधार पर तैयार की जानी थी.

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