Swachh Survekshan Awards 2023: स्वच्छता में इंदौर 7वीं बार बना चैंपियन, भोपाल को क्लीनेस्ट स्टेट कैपिटल का खिताब

Swachh Survekshan Awards 2023: स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में 5 स्टार रेटिंग के साथ भोपाल देश का पांचवां सबसे साफ शहर रहा.
Swachh Survekshan Awards 2023

राष्ट्रपति से अवॉर्ड प्राप्त करते सीएम मोहन यादव

Swachh Survekshan Awards 2023: स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में मध्यप्रदेश का इंदौर शहर लगातार 7वीं बार सबसे स्वच्छ शहर बना. नई दिल्ली में आयोजित स्वच्छता सर्वेक्षण अवॉर्ड सेरेमनी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एमपी के सीएम मोहन यादव को अवॉर्ड सौंपा. इंदौर के अलावा गुजरात के शहर सूरत को भी सबसे स्वच्छ शहर के सम्मान से सम्मानित किया गया. इस साल एमपी के 6 जिले और छत्तीसगढ़ के 5 शहरों को स्वच्छता अवॉर्ड मिला.अगर बात राजधानी भोपाल की बात करें तो ‘गार्बेज फ्री सिटी’ का अवॉर्ड भोपाल शहर को मिला है. वहीं अमरकंटक, महू और बुधनी को भी नेशनल अवॉर्ड मिला है.

भोपाल देश का पांचवां साफ शहर बना

स्वच्छता अवॉर्ड 2024 की लिस्ट में देश के सबसे स्वच्छ शहर की लिस्ट में मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को पांचवां स्थान मिला है. जबकि बीते साल यह छठवें स्थान पर था.

कलाकारों से रोशन हुआ समारोह

ओडिशा के सैंड आर्ट कलाकार सुदर्शन पटनायक ने कार्यक्रम में भारत में स्वच्छता की शुरुआत को अपनी कला से दर्शाया. वहीं बॉलीवुड के ख्यात गायक कैलाश खेर ने स्वच्छता एंथेम की प्रस्तुति दी.

2017 से स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रथम आ रहा है इंदौर

वर्ष 2017 से इंदौर स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रथम आ रहा है. जनभागीदारी, नवाचारों और आपसी समन्वय वाले जज्बे ने ही हमें देश के दूसरे शहरों से आगे बनाए रखा है. इंदौर को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कह चुके हैं कि दूसरे शहर जब किसी बात को करने का सोचते हैं, इंदौर उसे कर चुका होता है. आज जब देश के दूसरे शहर स्वच्छता का महत्व समझकर इसे अपनाने के बारे में विचार कर रहे हैं, हम स्वच्छता का सातवां आसमान छू चुके हैं. स्वच्छता को लेकर कहा जाता है कि यहां के लोगों की सिर्फ आदत नहीं, बल्कि त्योहार और संस्कार है.

भोपाल को इस बार क्लीनेस्ट स्टेट कैपिटल का खिताब

स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में 5 स्टार रेटिंग के साथ भोपाल देश का पांचवां सबसे साफ शहर रहा. इससे पहले शहर ने वर्ष 2017 और 2018 में लगातार दो साल देश में दूसरी रैंक हासिल की थी. इस बार सबसे साफ यानी क्लीनेस्ट स्टेट कैपिटल का खिताब भी मिला है. स्वच्छता से जुड़े अफसरों की मानें तो गीले, सूखे, मेडिकल समेत 5 तरह के कचरे की प्रोसेसिंग में भोपाल में बेहतर काम हुआ है. दिल्ली में भारत मंडपम में कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए. इस मौके पर सीएम मोहन यादव मौजूद रहे. इस बार राजधानी ने टॉप-5 में जगह बनाई है. अवॉर्ड लेने के लिए महापौर मालती राय, निगम कमिश्नर नोबल फ्रेंक ए. समेत स्वच्छता टीम भी शामिल रही.

भोपाल को गार्बेज फ्री सिटी में फाइव स्टार रेटिंग

पिछली बार भोपाल ने देशभर में छठवां स्थान हासिल किया था. वहीं, गार्बेज फ्री सिटी में 5 स्टार रेटिंग मिली थी. तत्कालीन निगम कमिश्नर केवीएस चौधरी कोलसानी ने सीएंडडी प्लांट, बायो सीएनजी और चारकोल प्लांट को लेकर एजेंसियों से एग्रीमेंट किया था. इसके चलते अब इनका काम अंतिम दौर में है.

  • इंदौर को गार्बेज फ्री सिटी में सेवन स्टार रेटिंग मिली
  • मप्र भारत का दूसरा सबसे स्वच्छ राज्य बना.
  • छत्तीसगढ़ को तीसरे सबसे स्वच्छ राज्य का पुरस्कार मिला.
  • महाराष्ट्र को राज्य की श्रेणी में स्वच्छता का पहला पुरस्कार मिला.
  • महू कैंटोनमेंट बोर्ड को देश का सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट बोर्ड का पुरस्कार मिला.

स्वच्छता में सफाई मित्रों ने इसमें सबसे बड़ा योगदान- राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने इस अवसर कहा कि अर्बन में स्वच्छता सर्वेक्षण कार्य को आगे बढ़ाने के लिए मैं सभी सफाईकर्मियों को देश की ओर से धन्यवाद देती हूं. उन्होंने कहा कि रिसायकल और रियूज की प्रणाली भी सफल हो रही है. ग्रीन वेस्ट से बायोगैस बनाने का काम प्रगति पर है. कभी शहरी जमीन कूड़े के पहाड़ बने थे, लेकिन स्वच्छता अभियान के तहत अब ऐसे डंपिग ग्राउंड खत्म हो रहे हैं.

स्वच्छता केवल आदत नहीं, यह एक आंदोलन- हरदीप सिंह पुरी

हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 तक भारत को स्वच्छ बनाने की मांग की थी और खुले में शौच जाने को खत्म करने का बीड़ा उठाया था. उन्होंने कहा था कि महात्मा गांधी को स्वच्छ भारत से बेहतर तोहफा कैसे होगा. यह मिशन एक आंदोलन बन गया. इसमें सभी ने श्रमदान किया. वहीं साल 2016 में यह सर्वेक्षण शुरू हुआ जो अब सबसे बड़ा सर्वेक्षण बन गया है., लगभग सभी शहरों और गांवों में बड़ी संख्या में सार्वजनिक शौचालय बनाए गए हैं. 2014 में 14 से 15 प्रतिशत कचरे की प्रोसेसिंग होती थी, लेकिन अब 75 से 76 प्रतिशत तक कचरा प्रोसेस होता है. स्वच्छता केवल आदत नहीं है, यह एक आंदोलन है और अगली पीढ़ी भी इस आंदोलन में भाग ले रही है.

स्वच्छता पुरस्कार के लिए बधाई, यह जुनून कम न हो- मोहन यादव

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने स्वच्छता सर्वेक्षण में सातवीं बार इंदौर के प्रथम आने पर मध्यप्रदेश और इंदौर वासियों को बधाई दी. मुख्यमंत्री ने कहा इंदौरवासियों ने पुन: यह सिद्ध कर दिया है कि स्वच्छता न सिर्फ उनकी आदत बन चुकी है, बल्कि अब उनकी सोच में भी स्वच्छता ही है. मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो संकल्प लिया है, उसे पूरा करने के लिए मध्यप्रदेश सदैव कटिबद्ध है.

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