Maha Kumbh: प्रशासन का दावा, मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालु लगाएंगे संगम में डुबकी! कैसे हो रही स्नान करने वालों की गिनती?
महाकुंभ 2025
Maha Kumbh 2025: 13 जनवरी से शुरू महाकुंभ 45 दिनों तक चलेगा. महाकुंभ के अभी 5 दिन बीत चुके हैं. सरकारी दावों के मुताबिक इन 6 दिनों में लगभग 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई है. इसमें से 3.5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने महाकुंभ के पहले शाही स्नान (अमृत स्नान) पर संगम में डुबकी लगाई थी. अब प्रशासन का दावा है कि मौनी अमावस्या (29 जनवरी) पर प्रयागराज में तकरीबन 10 करोड़ श्रद्धलुओं के आने की संभावना है. ऐसे में एक सवाल जो सबके समें खड़ा होता है कि इतनी विशाल भीड़ की सही गिनती आखिर कैसे की जा रही है? तो चलिए इसे समझते हैं…
45 दिन के महाकुंभ में 45 करोड़ आएंगे श्रद्धालुओं
महाकुंभ और मकर संक्रांति पर पड़े पहले अमृत स्नान पर करीब पांच करोड़ से ज्यादा लोगों के स्नान संगम में स्नान किया था. यह दावा यूपी प्रशासन का है. प्रयागराज में कुंभ मेला 13 जनवरी से शुरू हुआ है और 26 फरवरी तक चलेगा और इस दौरान 6 प्रमुख अमृत स्नान होंगे. अगला अमृत स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या को होगा. सबसे ज्यादा भीड़ इसी अमृत सनसन पर उमड़ने की उम्मीद जताई गई है.
अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल
इसी बीच श्रद्धालुओं की इतनी बड़ी संख्या को लेकर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं. मगर एक बड़ा सवाल यह है कि इस धार्मिकआयोजन में स्नान करने वालों यानी की इस भीड़ के आंकड़े कैसे जुटाए जा रहे हैं? इस सवाल को लेकर यूपी के प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए अब अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन भीड़ के आंकड़े पहले भी आया करते थे और धार्मिक आयोजनों पर भीड़ के तमाम रिकॉर्ड बनते और टूटते थे.
भीड़ की गिनती के लिए AI का इस्तेमाल
प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत के मुताबिक, इस बार कुंभ मेले में आए श्रद्धालुओं की गिनती के लिए AI तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने बताया, ‘महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की सटीक गिनती के लिए इस बार AI से लैस कैमरे लगाए गए हैं. यह पहली बार है जब AI के जरिए श्रद्धालुओं की सटीक संख्या जानने की कोशिश की जा रही है.’
इसके साथ ही श्रद्धालुओं को ट्रैक करने के लिए भी कई इंतजाम किए गए हैं. मेला क्षेत्र में दो सौ जगहें ऐसी हैं जहां पर बड़ी संख्या में अस्थाई CCTV कैमरे लगाए गए हैं. वहीं, प्रयागराज शहर के अंदर भी 268 जगहों पर 1107 अस्थाई CCTV कैमरे लगाए गए हैं. इसके अलावा पार्किंग स्थलों पर भी 700 से ज्यादा CCTV कैमरे लगाए हैं. जिनसे बाहर से आने वाले यात्रियों का अनुमान लगाया जा रहा है.
मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने बताया कि श्रद्धालुओं की गिनती के लिए AI लैस कैमरे हर मिनट में डेटा अपडेट करते हैं. ये सिस्टम सुबह तीन बजे से शाम 7 बजे तक पूरी तरह से सक्रिय रहते हैं. चूंकि मुख्य पर्वों पर स्नान काफी सुबह ही शुरू हो जाता है इसलिए इन्हें उससे पहले ही एक्टिव कर दिया जाता है.
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AI का उपयोग करते हुए क्राउड डेंसिटी अलगोरिदम से लोगों की गिनती का भी प्रयास किया जा रहा है. AI पर आधारित क्राउड मैनेजमेंट रियल टाइम अलर्ट जनरेट करता है. इसी रियल टाइम अलर्ट से संबंधित अधिकारियों को श्रद्धालुओं की गिनती और उनकी ट्रैकिंग का पता होता है.
ड्रोन से भी हो रही भीड़ की गिनती
इस बार महाकुंभ में प्रयागराज के 48 घाटों पर हर घंटे डुबकी लेने वाले लोगों का क्राउड असेसमेंट का काम एक खास टीम कर रही है. महाकुंभ शुरू होने के पहले कई बार क्राउड कैलकुलेशन रिहर्सल किया गया था. इतना ही नहीं जो लोग ट्रेन, बस और फ्लाइट से प्रयागराज आ रहे हैं उनका भी रिकॉर्ड दर्ज किया जा रहा है. ड्रोन के जरिए भी एक निश्चित दायरे में भीड़ के घनत्व को मापकर उसे इस क्राउड असेसमेंट टीम को भेजा जाता है। इतना ही नहीं, एक डेडीकेटेड ऐप है, जो मेले में मौजूद लोगों की हाथों में मोबाइल की औसत संख्या तक ट्रैक कर रहा है।