छत्तीसगढ़ का अनोखा मंदिर जहां देवी को चढ़ाते हैं काला चश्मा
CG News: बस्तर के एक मंदिर में देवी को आंख आने के मौसम में चश्मे चढ़ाए जाते हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि इससे माता साल भर उनकी आंखों की रक्षा और देखभाल करती हैं. बस्तर जिले के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के कोटमसर गांव में स्थित बस्तबूंदीन देवी मंदिर मेले में आस-पास के 30 गांवों के आदिवासी तीन साल में एक बार लोग इकट्ठा होते हैं और अपने घर और गांव के देवताओं को लाने के लिए कई अनुष्ठान करते हैं.
Written By श्वेक्षा पाठक
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Last Updated: Aug 13, 2025 04:32 PM IST
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छत्तीसगढ़ एक सांस्कृतिक और पारंपरिक राज्य है. यह राज्य अपनी संस्कृति के लिए बहुत प्रसिद्ध है.
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छत्तीसगढ़, भगवान राम का ननिहाल है. यहां कई अनोखे मंदिर है. जो देश भर में प्रसिध्द है.
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वहीं आपने छत्तीसगढ़ के अलग-अलग मंदिरों के बारे में सुना और देखा होगा, लेकिन क्या आप ऐसे मंदिर के बारे में जानते हैं जहां देवी को काला चश्मा चढ़ाते हैं.
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जी हां, बस्तर में एक ऐसा मंदिर है. जहां बस्तरवासी अपनी-अपनी मनोकामना पूरी होने के लिए देवी को काला चश्मा चढ़ाते हैं.
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बता दें कि कांगेर वैली नेशनल पार्क के कोटमसर गांव में हर 3 साल के अंतराल में देवी बास्ताबुंदिन की जात्रा होती है.
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लोगों में एक पुरानी मान्यता है कि देवी एक नेत्र रोग विशेषज्ञ की तरह हैं जो सालों भर उनकी आंखों की रक्षा और देखभाल करती हैं.
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इसलिए गांव के लोग देवी को प्रसन्न करने और अपनी आंखों की सुरक्षा के लिए धूप का काला चश्मा चढ़ाते हैं
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वहीं मंदिर के सिरहा संपत बताते हैं, कि देवी को चढ़ाए गए ज्यादातर चश्मे भक्त अपने साथ ले जाते हैं.