CG News: छत्तीसगढ़ का अनोखा देवी मंदिर, जहां महिलाओं की नहीं होती एंट्री, जानें वजह
नवरात्रि में धर्मनगरी कवर्धा के मंदिरों में भी विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है. वहीं जिले के सूरजपुरा गांव स्थित मां राजोदाई मंदिर की मान्यता के लिए प्रसिध्द है. सबरीमाला मंदिर की तरह इस मंदिर में भी महिलाओं के प्रवेश पर रोक है. मान्यता के अनुसार, 10 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं मंदिर के भीतर प्रवेश नहीं कर सकती.
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श्वेक्षा पाठक
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Last Updated: Sep 25, 2025 02:10 PM IST
नवरात्रि में धर्मनगरी कवर्धा के मंदिरों में भी विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है. वहीं जिले के सूरजपुरा गांव स्थित मां राजोदाई मंदिर की मान्यता के लिए प्रसिध्द है.
कवर्धा से करीब 20 किलोमीटर दूर बसे इस प्राचीन मंदिर में मां राजोदाई पिंडी स्वरूप में विराजमान हैं और उन्हें कुंवारी माता के रूप में पूजा जाता है. यहां देवी का श्रृंगार अन्य मंदिरों की तरह लाल नहीं, बल्कि काले रंग से किया जाता है.
मंदिर के यजमान साधुराम जायसवाल के मुताबिक, मां राजोदाई का स्वरूप कुंवारी के रूप में माना जाता है. इसी कारण केवल पुरुष ही मंदिर में प्रवेश कर पूजा-अर्चना कर सकते हैं.
सबरीमाला मंदिर की तरह इस मंदिर में भी महिलाओं के प्रवेश पर रोक है. मान्यता के अनुसार, 10 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं मंदिर के भीतर प्रवेश नहीं कर सकती.
मंदिर की इस मान्यता को गांव की महिलाएं माता के सम्मान के रूप में मानती हैं. इतना ही नहीं, गांव की महिलाएं स्वयं कभी काली साड़ी नहीं पहनतीं.