सूर्यग्रहण से अलग होता है चंद्रग्रहण, जानें क्यों लाल हो जाता है चांद, दिखता है अनोखा नजारा
Lunar Eclipse 2025: चंद्रग्रहण की रात आसमान में एक अद्भुत खगोलीय नजारा लेकर आती है. जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा को ढक लेती है, तो चांद लाल रंग में चमकता है, जिसे 'ब्लड मून' कहते हैं. सूर्यग्रहण की तरह अंधेरा नहीं छाता, बल्कि रात का माहौल और तारों की चमक और साफ हो जाती है. चलिए जानते हैं चंद्रग्रहण के दौरान रात में क्या होता है ?
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निधि तिवारी
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Last Updated: Sep 07, 2025 02:56 PM IST
चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आती है, जिससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है. यह केवल पूर्णिमा की रात को हो सकता है.
सूर्यग्रहण में सूर्य का प्रकाश रुकता है, इसलिए अंधेरा हो जाता है. लेकिन चंद्रग्रहण में चंद्रमा का प्रकाश पृथ्वी की छाया से ढकता है, जिससे रात का सामान्य अंधेरा प्रभावित नहीं होता.
ग्रहण के दौरान चंद्रमा अक्सर लाल या नारंगी दिखाई देता है, जिसे 'ब्लड मून' कहते हैं. यह पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरने वाले सूर्य प्रकाश के बिखरने के कारण होता है.
चंद्रमा पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक जाता है, जिससे उसका प्रकाश कम हो जाता है. पूर्ण चंद्रग्रहण में चंद्रमा पूरी तरह छाया में चला जाता है.
रात सामान्य रूप से अंधेरी रहती है, लेकिन चंद्रमा की रोशनी कम होने से आसमान में तारे और ग्रह अधिक स्पष्ट दिख सकते हैं.
चंद्रग्रहण को नंगी आंखों से देखना सुरक्षित होता है. लोग इसे दूरबीन या टेलीस्कोप से भी देख सकते हैं, जो रात के समय एक शानदार खगोलीय नजारा होता है.
भारत में चंद्रग्रहण को अक्सर धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है. कुछ लोग इस दौरान विशेष अनुष्ठान या सावधानियां बरतते हैं.
खगोलशास्त्री चंद्रग्रहण का अध्ययन पृथ्वी के वायुमंडल, चंद्रमा की सतह और सूर्य के प्रकाश के व्यवहार को समझने के लिए करते हैं.