छत्तीसगढ़ का सबसे खास ‘पंडुम कैफे’, जहां हथियार छोड़ने वाले नक्सली तैयार करेंगे लंच-डिनर, शेफ से लेकर वेटर तक संभालेंगे जिम्मा
Chhattisgarh unique cafe: CM विष्णु देव साय ने जगदलपुर में पंडुम कैफे लोकार्पण किया. इस कैफे में समर्पित नक्सली व नक्सल पीड़ित सेवा देंगे. 'पंडुम कैफे' सरकार की समर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत एक प्रेरणादायक पहल है.
Written By
श्वेक्षा पाठक
|
Last Updated: Nov 17, 2025 03:24 PM IST
CM विष्णु देव साय ने जगदलपुर में पंडुम कैफे लोकार्पण किया. इस कैफे में समर्पित नक्सली व नक्सल पीड़ित सेवा देंगे.
'पंडुम कैफे' सरकार की समर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत एक प्रेरणादायक पहल है, जिसका उद्देश्य हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा में लौट चुके पूर्व माओवादी कैडरों को सम्मानजनक और स्थायी आजीविका प्रदान करना है.
नक्सली हिंसा के पीड़ित भी इस कैफ़े के सक्रिय सहयोगी रहेंगे तथा समर्पित कैडरों को सामाजिक मुख्यधारा में पुनः एकीकृत करने में योगदान देंगे.
“पंडुम” नाम बस्तर की सांस्कृतिक जड़ों और पारंपरिक मूल्यों को दर्शाता है. इसका टैगलाइन “Where every cup tells a story” इस बात का प्रतीक है.
'पंडुम कैफे' में परोसा जाने वाला हर कप सिर्फ सुगंध और स्वाद ही नहीं, बल्कि साहस, परिवर्तन और नई शुरुआत की कहानी भी अपने साथ लिए होता है.
सरकार के मार्गदर्शन में बस्तर पुलिस और स्थानीय प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि 'पंडुम कैफे' एक सफल सामाजिक-आर्थिक मॉडल के रूप में स्थापित हो.