Vistaar News|फोटो गैलरी|छत्तीसगढ़ में ‘तीजा तिहार’ पर 16 श्रृंगार कर सुहागिनें करती हैं पूजा, दूसरे दिन बोरे-बासी खाकर खोलती हैं व्रत
छत्तीसगढ़ में ‘तीजा तिहार’ पर 16 श्रृंगार कर सुहागिनें करती हैं पूजा, दूसरे दिन बोरे-बासी खाकर खोलती हैं व्रत
Hartalika Teej 2025: तीजा तिहार छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों का मुख्य त्यौहार है. यह त्यौहार भादो माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. तृतीया होने के कारण इसको तीजा कहते हैं.
Written By श्वेक्षा पाठक
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Last Updated: Aug 26, 2025 01:41 PM IST
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तीज का त्योहार छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ियों का मुख्य त्यौहार है. यह त्यौहार भादो माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है.
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तीजा त्योहार सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास माना जाता है. इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मांगा जाता है.
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यहां तीज की शुरुआत करूभात से होती है जो बहुत ही कड़वा होता है. इस पर्व में करेले का विशेष महत्व होता है.
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वहीं तीज के दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करने के बाद ही पूजा करती हैं. माना जाता है कि ये श्रृंगार न सिर्फ सुहाग का प्रतीक हैं.
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तीजा तिहार में घरों में ठेठरी, खुरमी और कतरा जैसे कई व्यंजन बनाते है.
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इसके बाद तीज के दुसरे दिन महिलाएं सुबह पुजा करती है. इसके बाद अपने मायके में एक-दुसरे के घर जाकर बासी खाती है.
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यहां तीज के दुसरे दिन छत्तीसगढ़ के लगभग हर घर में कढ़ी के साथ बोरे-बासी खाने की परम्परा है. वहीं महिलाओं को मायके के साड़ी और सुहाग की चीजें भी मिलती है.