Ganesh Chaturthi 2025: इस गणेश चतुर्थी करें छत्तीसगढ़ के 7 चमत्कारी गणेश मंदिरों के दर्शन, मिलेगा बप्पा का आशीर्वाद
Ganesh Chaturthi 2025: इस साल 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा. अगर आप भी गणपति बप्पा का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो छत्तीसगढ़ के 7 प्रसिद्ध और चमत्कारी गणेश मंदिर जा सकते हैं. इन मंदिरों की अपनी-अपनी मान्यता हैं और यह देश भर में प्रसिद्ध हैं. जानें इन मंदिरों के बारे में-
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रुचि तिवारी
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Last Updated: Aug 26, 2025 05:38 PM IST
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ढोलकल गणेश मंदिर, दंतेवाड़ा- 3300 फीट की ऊंचाई पर मौजूद इस मंदिर तक पहुंचने के लिए ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों और दुर्गम रास्तों से होकर गुजरना पड़ता है. इस मंदिर का नाम ढोलकल इसलिए पड़ा क्योंकि गणेश भगवान की यह प्रतिमा ढोलक के आकार की है. कहा जाता है कि यहीं पर गणेश जी और भगवान परशुराम का भयंकर युद्ध हुआ था. इस दौरान गणेश भगवान का एक दांत टूट गया था. तभी से गणेश भगवान एकदंत कहलाए.
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सुमुख गणेश मंदिर, बिलासपुर- गणेश भगवान का यह मंदिर दक्षिण स्वरूप में है. यहां गणेश भगवान की मूर्ति काले पत्थर से बनी हुई है और इस मंदिर को बने हुए लगभग 60 साल हो चुके हैं. इस मंदिर की महत्वपूर्ण बात यह है कि जो मूर्ति यहां विराजमान है, उसे तमिलनाडु से बिलासपुर लाया गया था. यहां पूजा-अर्चना भी दक्षिण भारतीय संस्कृति के अनुसार ही की जाती है.
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पहाड़ी गणेश मंदिर, अंबिकापुर- इस मंदिर का नाम पहाड़ी गणेश मंदिर इसलिए पड़ा क्योंकि गणेश भगवान की प्रतिमा पहाड़ी के एक हिस्से में स्वयंभू रूप से उभरी. इस चमत्कार के चलते यहां भक्तों की भीड़ लगी रहती है. लोगों का कहना है कि अंबिकापुर में गजराज का आना-जाना लगा रहता था और गणेश भगवान यहां स्थायी रूप से निवास करते थे.
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गणेश मंदिर, राजनांदगांव- इस मंदिर की भी अपनी एक अलग मान्यता है. इस मंदिर को बने हुए लगभग 170 साल से ज्यादा हो चुके हैं. यह मंदिर दिग्विजय महाविद्यालय, राजनांदगांव में स्थित है. उस समय यह राजा दिग्विजय दास का महल हुआ करता था. यहां दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं. वहां मान्यता यह भी है कि लोगों की मनोकामना पूरी हो जाने के बाद वे यहाँ चांदी चढ़ाते हैं.
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