Photos: क्या छत्तीसगढ़ से मानसून की हो गई विदाई? भादौ में खेतों में लहराने लगे काश के फूल
Photos: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर में भादौ के महीने में काश के फूल खिलने लगे हैं. लहराते काश के फूल बेहद सुंदर लग रहे हैं, लेकिन इन फूलों का खिलना वर्षा ऋतु के खत्म होने का संकेत माना जाता है. अब सोचिए कि क्या छत्तीसगढ़ से मानसून की विदाई हो गई है?
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दिलीप जायसवाल
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Last Updated: Aug 19, 2025 07:25 PM IST
नाजुक से जज्बात लिए, खामोशी से फूल खिलते हैं, इस जमीन पर चुपचाप काश के फूल खिलते हैं... छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में भादौ के महीने में काश के फूल लहरा रहे हैं.
काश के फूल खिलने का मतलब वर्षा ऋतु के खत्म होने का संकेत माना जाता है.
लोग मानते हैं कि खेत, खेल के मैदान, खाली प्लॉट या फिर जंगल के इलाकों में काश के फूल दिखे तो समझ जाना चाहिए कि बारिश का मौसम चला गया.
ऐसे में अब अंबिकापुर में लहरा रहे काश के फूलों को लेकर सवाल उठ रहा है कि क्या छत्तीसगढ़ से मानसून की विदाई हो चुकी है?
इसे लेकर मौसम विभाग का कहना है कि अभी तो बारिश का मौसम खत्म ही नहीं हुआ है. लेकिन, बारिश कम जरूर हुई है.
इन फूलों का वर्णन रामायण के किष्किंधा कांड में भी है. भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण से कहते हैं कि देखो लक्ष्मण चारों ओर काश के फूल खिल उठे हैं. प्रकृति ने सफेद चादर ओढ़ रखी है और बारिश का अब बुढ़ापा आ गया है.
काश के फूल का धार्मिक महत्व भी है. पितृ पक्ष में इन फूलों को तर्पण के लिए बेहद अहम माना जाता है.
वहीं, अगर समय से पहले काश का फूल खिल उठता है तो किसानों की चिंताएं भी बढ़ जाती हैं और उन्हें आकाल और सूखा पड़ने का डर सताने लगता है.