Rakshabandhan 2025: राखी बांधते समय न करें ये 8 गलतियां, नहीं तो हो सकता है अशुभ
Rakshabandhan 2025: रक्षाबंधन, भाई-बहन के पवित्र और अटूट रिश्ते का प्रतीक, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है. इस शुभ अवसर पर कुछ गलतियां अनजाने में राखी के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को कम कर सकती हैं और अशुभ मानी जाती हैं. ऐसी गलतियों से बचें.
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निधि तिवारी
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Last Updated: Aug 07, 2025 02:44 PM IST
शुभ मुहूर्त का रखें ध्यान: हिंदू शास्त्रों में भद्रा काल को अशुभ माना जाता है, और इस दौरान कोई भी शुभ कार्य, जैसे राखी बांधना, वर्जित है. इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा काल सुबह सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगा. इसलिए पंचांग के अनुसार शुभ मुहूर्त का पालन करें.
प्रेम और सौहार्द बनाए रखें: रक्षाबंधन का दिन प्रेम, विश्वास और आपसी सम्मान का होता है. इस दिन भाई-बहन के बीच किसी भी तरह का झगड़ा, तनाव या अपशब्द अशुभ माना जाता है. ऐसी नकारात्मकता राखी के पुण्य प्रभाव को कम कर सकती है.
वास्तु नियमों का पालन करें: शास्त्रों के मुताबिक, राखी बांधते समय भाई का मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए, क्योंकि ये दिशाएं शुभ मानी जाती हैं. दक्षिण दिशा की ओर मुख करके राखी बांधना अशुभ होता है.
तिलक के लिए साबुत अक्षत चुनें: राखी बांधने से पहले भाई को तिलक लगाने की परंपरा है. इस दौरान साबुत अक्षत (चावल) का उपयोग करना अनिवार्य है. टूटे हुए अक्षत को अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह समृद्धि और शुभता के प्रतीक को कमजोर कर सकता है.
उपहारों का चयन सावधानी से करें: रक्षाबंधन पर भाई द्वारा बहन को उपहार देना परंपरा का हिस्सा है. लेकिन धारदार या नुकीली वस्तुएं जैसे छुरी, कैंची, आइना या फोटो फ्रेम देना अशुभ माना जाता है. ये उपहार नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक हो सकते हैं.
धार्मिक मान्यताओं का सम्मान: कई राखियों पर भगवान श्रीकृष्ण, गणेश जी, या अन्य देवी-देवताओं की तस्वीरें होती हैं. हालांकि, ऐसी राखी बांधना शुभ नहीं माना जाता, क्योंकि राखी के उपयोग के बाद इसका जमीन पर गिरना, टूटना या फेंका जाना देवी-देवताओं का अपमान माना जा सकता है.
नकारात्मक ऊर्जा से बचें: कुछ लोग भाई को नजर से बचाने के लिए नजरबट्टू या एविल आई वाली राखी बांधते हैं. लेकिन धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, ऐसी राखियां नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती हैं. इसके बजाय, पीले धागे, रुद्राक्ष, या शुभ प्रतीकों वाली राखी का चयन करें.
राखी की पवित्रता का रखें ख्याल: राखी भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक है. टूटी, गंदी या अशुद्ध राखी का उपयोग करना अशुभ माना जाता है. रुद्राक्ष, तुलसी, या मौली (पवित्र धागे) से बनी राखी का उपयोग शुभ होता है.
रक्षाबंधन 2025 की पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त 2025 को दोपहर 2:12 बजे शुरू होगी और 9 अगस्त 2025 को दोपहर 1:24 बजे समाप्त होगी. उदया तिथि के मुताबिक, रक्षाबंधन 9 अगस्त को मनाया जाएगा. इस साल भद्रा काल का प्रभाव नहीं रहेगा. राखी बांधने का सबसे शुभ समय सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक है.