Sarva Pitru Amavasya 2025: सर्व पितृ अमावस्या के दिन इन जगहों पर जलाएं दीपक, मिलेगा सुख-समृद्धि का आर्शीवाद
Sarva Pitru Amavasya 2025 Rules: पितृ पक्ष का समापन सर्व पितृ अमावस्या के दिन होता है और इस बार यह तिथि 21 सितंबर 2025 को पड़ रही है. मान्यता है कि इस दिन किए गए श्राद्ध और तर्पण से सभी पितर तृप्त होते हैं और संतानों को खुशहाली का आशीर्वाद देते हैं. सिर्फ श्राद्ध ही नहीं बल्कि दीपदान का भी इस दिन विशेष महत्व है. दीपक जलाने से न केवल पितरों की आत्मा को शांति मिलती है बल्कि मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है. शास्त्रों में बताया गया है कि पितरों और देवी-देवताओं की प्रसन्नता के लिए दीपक जलाने की कुछ खास जगहें और विधियां होती हैं. आइए जानते हैं, सर्व पितृ अमावस्या पर कहां-कहां दीपक जलाना शुभ माना गया है और इसके पीछे की धार्मिक मान्यताएं क्या कहती हैं.
Written By
अभय वर्मा
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Last Updated: Sep 17, 2025 05:48 PM IST
21 सितंबर 2025 को सर्व पितृ अमावस्या मनाई जाएगी. यह दिन पितरों के श्राद्ध और तर्पण के लिए श्रेष्ठ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन दीपदान से पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.
शाम के समय तालाब या सरोवर किनारे दीपक अवश्य जलाएं. दक्षिण दिशा की ओर मुख करके सरसों के तेल का चौमुखी दीपक प्रज्वलित करें. इसे जल में प्रवाहित करने से पितरों की राह उज्जवल होती है.
कहा जाता है कि सूर्यास्त के बाद पितर अपने लोक लौटते हैं. दीपक की रोशनी उन्हें मार्गदर्शन और संतोष प्रदान करती है. इससे पितर प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
यदि किसी कारणवश श्राद्ध न कर पाएं हों तो चिंता न करें. पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाना शुभ माना जाता है. साथ ही "ॐ पितृगणाय विद्महे…" मंत्र का जाप करें.
इस उपाय से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. घर के सुख-समृद्धि में कभी कमी नहीं आती और पूर्वजों का आशीर्वाद हमेशा संतान पर बना रहता है.
पितरों के साथ-साथ इस दिन मां लक्ष्मी की भी आराधना करें. तुलसी के पास घी का दीपक जलाकर विष्णु मंत्र का जाप करें. इससे धन में वृद्धि और बरकत के योग बनते हैं.
प्रदोष काल में घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाना शुभ है. बाईं ओर घी और दाहिनी ओर तेल का दीपक रखें. मान्यता है कि इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
घर के ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में दीपक लगाएं. गाय के घी का दीपक जलाने से मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है. अन्न-धन की कमी कभी नहीं होती और घर सुख-समृद्ध रहता है.