Shardiya Navratri 2025: छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध देवी मंदिर, जहां दर्शन मात्र से हर मनोकामना होती है पूरी
Shardiya Navratri 2025 Darshan: इस शारदीय नवरात्रि करिए छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध देवी मंदिरों के दर्शन. इन सभी मंदिरों की अलग-अलग मान्यता है. जानिए इन मंदिरों के बारे में-
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रुचि तिवारी
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Last Updated: Sep 21, 2025 05:09 PM IST
छत्तीसगढ़ के राजनांदगाव जिले से लगभग 36 KM कि दूरी पर मां बमलेश्वरी का मंदिर स्थित है. यहां माता की प्रतिमा 1600 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. यहां तक पहुंचने के लिए लगभग 1000 के सीढ़िया चढनी पड़ती हैं. नवरात्रि में यहां भव्य मेला आयोजित किया जाता है.
दंतेवाड़ा जिला स्थित दंतेश्वरी माता मंदिर जगदलपुर शहर से लगभग 84 किलोमीटर दूर है. डंकिनी-शंखिनी के संगम पर स्थित इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां देवी सती का दांत गिरा था. यही वजह है कि मंदिर का नाम दंतेश्वरी माता मंदिर पड़ा. यह मंदिर 52 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है. दंतेश्वरी माता बस्तर राज परिवार की कुल देवी भी मानी जाती हैं. नवरात्रि में यहां खास पूजा-अर्चना की जाती है.
बिलासपुर जिला स्थित महामाया मंदिर एक प्राचीन मंदिर है. मान्यता है कि रतनपुर में देवी सती का दाहिना स्कंद गिरा था. यह स्थान बिलासपुर से करीब 37 KM की दूरी पर स्थित है. नवरात्रि में यहां खास पूजा-अर्चना भी की जाती है और मंदिर परिसर में ज्योति कलश भी जलाया जाता है.
खल्लारी माता मंदिर महासमुंद जिले से करीब 24 KM की दूरी पर स्थित है. ये मंदिर एक उंची पहाड़ी पर बना हुआ है. प्राचीन काल में इस स्थान को खलवाटिका के नाम से जाना जाता था. माता के दर्शन के लिए भक्तों को करीब 850 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं.
महासमुंद जिले से करीब 40 KM दूर स्थित चंडी माता मंदिर में चंडी देवी की प्राकृतिक प्रतिमा विराजमान हैं. घुंचापाली गांव में स्थित इस मंदिर में हर शाम श्रद्धालुओं के साथ आधा दर्जन भालू भी माता की आरती में शामिल होने के लिए पहुंचते हैं. भालू अपने परिवार के साथ मां चंडी के दर्शन करने आते हैं. भक्त भालुओं को अपने हाथ से प्रसाद भी खिलाते हैं . यहां चंडी माता की प्रतिमा लगभग 9 से 10 फीट की है.
छतीसगढ़ के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक चंद्रहासिनी माता मंदिर है. यह मंदिर जांजगीर-चांपा जिले के चन्द्रपुर की पहाड़ी के ऊपर विराजमान है. नवरात्रि के दौरान यहां 108 दीपों के साथ महाआरती भी की जाती है.
धमतरी जिले में स्थित माता अंगारमोती मंदिर में दूर-दूर से लोग आते हैं. यहां निसंतान महिलाए संतान प्राप्ति की मन्नत लेकर आती हैं और मां अंगारमोती से मांगती हैं. निंसतान महिलाएं लेटकर मां से मुराद मांगती हैं. लेटी हुई महिलाओं पर बैगा चलकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं.
कोरबा जिला स्थित मां मड़वारानी मंदिर पहाड़ की चोटी पर कलमी पेड़ के नीचे स्थित है. साल भर यहां दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.