छत्तीसगढ़ की अनोखी ‘आना कुड़मा’ परंपरा, जिसमें आत्माओं को देते हैं शादी का न्योता
बस्तर के अबूझमाड़ में अनोखी परंपरा है. यहां लोग आत्माओं की पूजा करते हैं. इस परंपरा को आदिवासी समाज में 'आना कुड़मा' कहा जाता है. 'आना कुड़मा' का मतलब आत्मा का घर होता है.
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श्वेक्षा पाठक
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Last Updated: Sep 04, 2025 02:20 PM IST
छत्तीसगढ़ अपनी अनोखी संस्कृति, खानपान, परम्पराओं के लिए प्रसिध्द है.
वहीं प्रदेश की ज्यादातर आबादी प्रकृति पर निर्भर है. और ये आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है.
वहीं बस्तर के अबूझमाड़ में अनोखी परंपरा है. यहां लोग आत्माओं की पूजा करते हैं.
इस परंपरा को आदिवासी समाज में 'आना कुड़मा' कहा जाता है. 'आना कुड़मा' का मतलब आत्मा का घर होता है.
गांव के लोग शादियों की रस्में शुरू करने से पहले आत्माओं का आर्शीवाद लेने के लिए न्योता देते हैं.
वहीं अबूझमाड़ के गांवों में आत्माओं को घर देने की परंपरा सालों से चलती आ रही है.
गांव के लोग बताते हैं कि ये आत्माएं गांव के लोगों को बुरी आत्माओं से बचाती हैं.