Brussels Diamond League: नीरज चोपड़ा के बाद अविनाश साबले भी पहली बार डायमंड लीग फाइनल में, रच सकते हैं इतिहास
Brussels Diamond League : भारत के एथलेटिक्स इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है, जहां दो भारतीय खिलाड़ी ब्रुसेल्स डायमंड लीग फाइनल में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. जैवलिन थ्रो में भारत के गौरव नीरज चोपड़ा और 3000 मीटर स्टीपलचेज़ में अविनाश साबले ने ब्रुसेल्स डायमंड लीग के फाइनल में जगह बना ली है. अविनाश का स्टीपलचेज़ इवेंट 13 सितंबर और नीरज का जैवलिन थ्रो इवेंट 14 सितंबर को ब्रुसेल्स में होगा.
अविनाश साबले की डायमंड लीग में हुई एंट्री
29 वर्षीय अविनाश साबले ने पहली बार डायमंड लीग फाइनल में अपनी जगह बनाई है. साबले ने इस सीज़न में डायमंड लीग के दो आयोजनों में भाग लिया और तीन अंकों के साथ तालिका में 14वें स्थान पर रहे. हालांकि उनकी रैंकिंग थोड़ी नीचे थी, लेकिन चार उच्च रैंकिंग वाले खिलाड़ियों के प्रतियोगिता से हटने के बाद उन्हें फाइनल में मौका मिला.
अविनाश साबले पहले ऐसे भारतीय एथलीट हैं जिन्होंने पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज़ में ओलंपिक फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन पेरिस ओलंपिक में वे 8:14.18 मिनट के समय के साथ 11वें स्थान पर रहे. साबले का प्रदर्शन समय के साथ बेहतर होता गया है, और अब डायमंड लीग फाइनल में उनकी प्रतिस्पर्धा पर सबकी नज़रें होंगी.
एक और फाइनल में नीरज चोपड़ा
नीरज चोपड़ा का नाम अब किसी परिचय का मोहताज नहीं है. दो बार के ओलंपिक मेडलिस्ट नीरज ने जैवलिन थ्रो में एक बार फिर से डायमंड लीग फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया है. इस सीजन में उन्होंने दोहा और लुसाने लेग में दूसरे स्थान पर रहते हुए 14 अंक अर्जित किए और चौथे स्थान पर रहे. इस तरह, नीरज को सीधे तौर पर फाइनल में एंट्री मिल गई.
जैवलिन थ्रो इवेंट के लिए डायमंड लीग में कुल 4 लेग होते हैं, जिनमें दोहा, पेरिस, लुसाने और ज्यूरिख शामिल हैं. नीरज ने इनमें से दो लेग में हिस्सा लिया और शानदार प्रदर्शन किया. लुसाने में हुए आखिरी मुकाबले के बाद ज्यूरिख में हुई आखिरी प्रतियोगिता में नीरज ने भाग नहीं लिया, फिर भी वे डायमंड लीग फाइनल में अपनी जगह बनाने में सफल रहे.
क्या है डायमंड लीग?
डायमंड लीग एथलेटिक्स का एक प्रतिष्ठित आयोजन है, जिसमें दुनिया भर के टॉप एथलीट्स हिस्सा लेते हैं. इसमें हर इवेंट के विजेता को डायमंड ट्रॉफी, $30,000 की पुरस्कार राशि और अगले विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में वाइल्ड कार्ड के रूप में प्रवेश मिलता है. उपविजेता को $12,000 और तीसरे स्थान पर रहने वाले को $7,000 की पुरस्कार राशि दी जाती है. डायमंड लीग की सबसे खास बात यह है कि इसमें कोई मेडल नहीं मिलता, बल्कि इसके हर चरण में खिलाड़ियों को अंक दिए जाते हैं. टॉप प्लेयर को 8 अंक, दूसरे को 7, और इसी तरह क्रमशः घटते हुए अंक दिए जाते हैं.
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