पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती, गद्दाफी स्टेडियम की छत से टपक रहा पानी, रेनोवेशन के नाम पर अरबों रुपये डकार गया PCB?

रिपोर्ट्स की माने तो पीसीबी को आईसीसी ने 70 मिलीयन डॉलर मेजबानी के लिए दिए थे. इसके साथ ही आकस्मिक खर्च के लिए 4.5 मिलीयन डॉलर अलग से दिए थे.
Gaddafi Stadium Lahore

गद्दाफी बना 'तालाब'

Champions Trophy 2025: साल 2025 की आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का फैंस को इंतजार था. ये टूर्मानेंट इसलिए भी खास था क्योंकि पाकिस्तान को सालों बाद किसी आईसीसी टूर्नामेंट की मेजबानी मिली थी. लेकिन PCB ने इस मौके को भुना नहीं पाई. चैंपियंस ट्रॉफी का 10वां मैच ऑस्ट्रेलिया और अफगानिस्तान के बीच खेला गया. यह मैच बारिश के चलते रद्द हो गया. हलकी बारिश में पूरा मैदान पानी से भर गया. स्टेंड्स की छतों से पानी टपकने लगा. मजे की बात यह रही कि यह कोई भारी बारिश नहीं थी, महज 30 मिनट की बारिश से दुनिया के सामने पाकिस्तान की पोल खुल गई.

गद्दाफी बना ‘तालाब’

आईसीसी द्वारा पाकिस्तान को इस टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए भारी फंडिंग दी गई थी, लेकिन उसके बावजूद ग्राउंड की दशा देखने लायक थी. रिपोर्ट्स की माने तो पीसीबी को आईसीसी ने 70 मिलीयन डॉलर मेजबानी के लिए दिए थे. इसके साथ ही आकस्मिक खर्च के लिए 4.5 मिलीयन डॉलर अलग से दिए थे.

बावजूद इसके गद्दाफी स्टेडियम में बारिश के बाद न तो कवर्स थे और न ही कोई पानी निकालने की व्यवस्था. जब मैदान पानी से भर गया तो ग्राउंड स्टाफ फोम से पानी निकालते, बाल्टियों में भरकर पानी फेंकते और वाइपर से मैदान सुखाते नजर आए. इस दौरान एक ग्राउंड स्टाफ गिर भी गया.

कहां गया पैसा?

आईसीसी मेजबान देशों को मोटी रकम देती है, ताकि स्टेडियमों को वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस किया जा सके. पाकिस्तान ने भी चैंपियंस ट्रॉफी से पहले तीन स्टेडियमों नेशनल स्टेडियम (कराची), गद्दाफी स्टेडियम (लाहौर) और रावलपिंडी क्रिकेट स्टेडियम का रेनोवेशन किया. और दावा किया कि 1200 करोड़ स्टेडियम रेनोवेशन के लिए खर्च किए. लेकिन जब बारिश के कारण मैच रद्द हुआ और स्टेडियम की दयनीय स्थिति सामने आई, तो सवाल उठने लगा कि आईसीसी द्वारा दिए गए पैसों का आखिरकार हुआ क्या?

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क्या पाकिस्तान क्रिकेट मेजबानी के लायक है?

पीसीबी ने चैंपियंस ट्रॉफी से पहले यह दावा किया था कि उनके स्टेडियम वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस हैं. लेकिन जिस देश के स्टेडियम में आधे घंटे की बारिश में पानी भर जाए और सुखाने के लिए बाल्टी और फोम का सहारा लिया जाए, वहां क्रिकेट की वर्ल्ड क्लास मेजबानी की उम्मीद नहीं लगाई जा सकती.

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