Neeraj Chopra ने बेंगलुरु में जीता एनसी क्लासिक का खिताब, भाला फेंक में फिर किया देश का नाम रोशन
नीरज चोपड़ा (फोटो- NC Classic)
Neeraj Chopra: भारत के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने बेंगलुरु में आयोजित पहले एनसी क्लासिक भाला फेंक इवेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किया. ओलंपिक और विश्व चैंपियन नीरज ने 86.18 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ खिताब जीता. कांतीरवा स्टेडियम में हजारों की संख्या में मौजूद दर्शकों के सामने नीरज ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन किया.
नीरज चोपड़ा का प्रदर्शन
नीरज चोपड़ा ने अपनी शुरुआत एक फाउल थ्रो के साथ की. लेकिन उन्होंने जल्द ही वापसी करते हुए अपने दूसरे प्रयास में 82.99 मीटर की दूरी दर्ज की, जिससे उन्हें बढ़त मिली. उनके तीसरे प्रयास में उन्होंने 86.18 मीटर का बेहतरीन थ्रो फेंका किया, जिसके चलते वे खिताब जीत गए. इस जीत के साथ, नीरज ने पेरिस डायमंड लीग और ओस्ट्रावा गोल्डन स्पाइक के बाद अपनी खिताबी हैट्रिक पूरी की.
नीरज चोपड़ा ने एनसी क्लासिक जीत के बाद मीडिया से कहा “…पिछले कुछ दिन मेरे लिए कठिन रहे हैं। मुझे यह भी अजीब लगा कि प्रतियोगिता मेरे नाम पर है। मुझे खुशी है कि मैं पहले संस्करण का पदक और ट्रॉफी अपने पास रख सकता हूँ…” बता दें कि इस कार्यक्रम में नीरज के माता पिता के साथ कई अन्य बड़ी हस्तियां भी शामिल हुई.
अन्य प्रतिभागियों का प्रदर्शन
एनसी क्लासिक में कई अंतरराष्ट्रीय और भारतीय एथलीटों ने भाग लिया, जिन्होंने नीरज को कड़ी चुनौती देने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके. केन्या के अनुभवी भाला फेंक खिलाड़ी जूलियस येगो ने अपने चौथे प्रयास में 84.51 मीटर का सीजन का सर्वश्रेष्ठ थ्रो करके दूसरा स्थान हासिल किया.
श्रीलंका के रुमेश पथिरगे ने 84.34 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ पोडियम पर तीसरा स्थान हासिल किया. भारतीय खिलाड़ियों में सचिन यादव ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 82.33 मीटर के थ्रो के साथ चौथा स्थान हासिल किया. वह हाल ही में एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक जीत चुके हैं.
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नीरज ने आयोजित किया था एनसी क्लासिक
इस इवेंट की मेजबानी खुद नीरज चोपड़ा ने की थी, और इसे एएफआई से भी मंजूरी मिली थी. वर्ल्ड एथलेटिक्स ने एनसी क्लासिक को कैटेगरी ए का दर्जा दिया है. यह नीरज के लिए आगामी टोक्यो में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए एक महत्वपूर्ण तैयारी थी, जहां उन्हें अपने खिताब का बचाव करना है. बेंगलुरु में आयोजन ने भारतीय एथलेटिक्स के लिए एक नया आयाम को खोल दिया है.